दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा ने कहा कि सदन में तीनों कृषि कानून वापसी बिल पर चर्चा के लिए सरकार और सदन तैयार थे लेकिन विपक्ष इसपर खुद चर्चा नहीं करना चाहता था. विपक्ष चर्चा से इसलिए बच रहा है कि क्योंकि उनके पास चर्चा के लिए कोई मुद्दा नहीं है. यही वजह है कि सदन की कार्रवाई विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ रही है.
विपक्ष कर रहा है सदन की मर्यादा भंग - डॉ महेश शर्मा
बता दें कि संसद में शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है लेकिन विपक्ष के लगातार हंगामे से कई बार सदन स्थगित हो चुका है. विपक्ष के हंगामे को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा ने कहा हमारे सदनों का गौरवमई इतिहास रहा है. बड़े-बड़े महापुरुष इस सदन में आए और उन्होंने अपने विचारों को रखा लेकिन आज विपक्ष की वजह से कहीं ना कहीं सदन की मर्यादा भंग हो रही है. वहीं सदन को चलाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च होते हैं लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से वो करोड़ों रुपए हंगामे के भेंट चढ़ रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कही विपक्ष से ये बात
डॉ महेश शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री जी भी अपील कर चुके हैं कि विपक्ष सकारात्मक सोच के साथ सदन में अपने सवालों को उठाएं सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ उन सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है. लेकिन हंगामे की वजह से सदन को रोकने की कोशिश ना करें उसे सुचारू रूप से चलने दें क्योंकि जब सदन चलेगा तभी सकारात्मक बहस होगी और कुछ महत्वपूर्ण बिल पास हो सकेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है और सरकार चाहती है कि विपक्ष बहस करें क्योंकि जब तक सदन में बहस नहीं होगी किसी चीज पर चर्चा नहीं होगी तब तक सकारात्मक चीज निकल कर बाहर नहीं आएगी.
सभी कर चुके हैं विपक्ष से अपील
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा ने कहा तीनों कृषि कानून वापसी के दौरान सरकार लगातार चर्चा के करने को तैयार थी लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा था. जबकि स्पीकर महोदय से लेकर लोकसभा अध्यक्ष तक सभी ने अपील की और कहा कि आप लोग हंगामे की बजाय अपनी सीट पर जाकर बैठे हम चर्चा के लिए तैयार हैं. लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं चाह रहा था क्योंकि उसके पास चर्चा के लिए कोई मुद्दा नहीं था.
विपक्ष के पास नहीं है कोई मुद्दा - डॉ महेश शर्मा
वहीं डॉ महेश शर्मा ने कहा विपक्ष और किसान सभी यह चाहते थे कि तीनों कृषि कानून वापस हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने परिवार के मुखिया होने के नाते तीनों कृषि कानून वापस लेने के लिए सदन में कृषि कानून वापसी बिल पेश कराया. जिस पर विपक्ष ने हंगामा किया जबकि विपक्ष को चाहिए कि ताली बजाकर इस प्रस्ताव का स्वागत करता और प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद अदा करता क्योंकि प्रधानमंत्री जी ने तो विपक्ष का भी सम्मान रखा है. लेकिन विपक्ष पूरी तरह से मुद्दा विहीन है. यही वजह है कि चर्चा के बजाय वो हंगामे पर उतारू है.
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