UP News: दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के मीडिय सेल प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ समाजवादी पार्टी द्वारा लगाए रेप के आरोप की पोस्ट को हटाने का आदेश दिया है. इस मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान उनके वकील अरविंद नायर और नलिन कोहली ने कहा कि मालवीय एक राजनीति दल के आईटी सेल प्रमुख है उन्होंने बड़ी मेहनत से अपनी प्रतिष्ठा बनाई है. 


अमित मालवीय के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि समाजवादी पार्टी की ओर से की गई इस पोस्ट से उनकी छवि को हर दिन नुकसान हो रहा है. इस तरह के बयान नहीं दिए जा सकते हैं. सपा की इस पोस्ट को लाखों लोगों ने देखा है. जिसके बाद कोर्ट ने सपा को इस पोस्ट को हटाने के आदेश दिए हैं. 


जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल पूरा मामला समाजवादी पार्टी की एक पोस्ट से जुड़ा है जब बीजेपी मीडिया सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अयोध्या रेप मामले में सपा नेता मोईद खान का नाम आने पर अखिलेश यादव ने डीएनए टेस्ट की मांग की थी. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित मालवीय ने सवाल किया था कि वो डीएनए टेस्ट की मांग करके क्या साबित करना चाहते हैं. 


अमित मालवीय ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि- 'अखिलेश यादव से इस तरह की घिनौनी राजनीति के अलावा और कुछ उम्मीद नहीं की जा सकती... आने वाले दिनों में जहां भी सपा जीतेगी, वहां हर गांव में पिछड़े समाज की बेटियों और बहुओं के साथ इस तरह के दुष्कर्म की खबरें आएंगी। सपा एक राजनीतिक पार्टी कम और अपराधियों का गिरोह ज्यादा है.'


अमित मानवीय ने किया मानहानि का मुकदमा
अमित मालवीय की इस पोस्ट पर समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल के द्वारा प्रतिक्रिया दी गई और रेप के आरोपियों के साथ बीजेपी नेताओं की तस्वीरें डाली गईं थी. जिनमें पीएम मोदी की आसाराम बापू के साथ और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ स्वामी चिन्मयानंद की तस्वीर लगाई. आसाराम और चिन्मयानंद दोनों पर रेप का आरोप है.


सपा ने यहाँ तक कहा कि अमित मालवीय भी महिलाओं को होटलों में बुलाकर उनसे रेप करते थे. अमित मालवीय ने इस पोस्ट पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था. जिसके बाद अब सपा को हाईकोर्ट ने ये पोस्ट हटाने का आदेश दिया है. 


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