नई दिल्ली, एबीपी गंगा। इसे संयोग ही कहेंगे...एक साल भी भीतर राजधानी दिल्ली ने अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को खो दिया है। पहले मदन लाल खुराना, फिर शीला दीक्षित और अब सुषमा स्वराज...दिल्ली के अब ये तीन पूर्व मुख्यमंत्री इस दुनिया में नहीं रहे।


सुषमा स्वराज



बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अक्टूबर से दिसंबर 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं। मंगलवार देर रात दिल का दौरा पड़ने के बाद उनका निधन हो गया। दिल्ली के एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। बता दें कि सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं।




  • 1990 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुनी गईं।

  • 1990-1996 तक राज्यसभा सांसद रहीं।

  • 1996 में पहली बार 11वीं लोकसभा में सांसद बनीं।

  • पहली बार लोकसभा पहुंचने पर ही अटल सरकार की 13 दिन की सरकार में बतौर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।

  • 12वीं लोकसभा में दक्षिणी दिल्ली से जीती और एक बार फिर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री बनीं। इसके साथ ही, दूरसंचार मंत्रालय का भी अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।

  • 1998 में केंद्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफा दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।


शीला दीक्षित



वहीं, दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित की भी इस साल जुलाई में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।  20 जुलाई को 81 साल की उम्र में शीला दीक्षित इस दुनिया को अलविदा कह गईं। उन्हें कांग्रेस की कुशल रणनीतिकारों में से एक माना जाता था। शीला दीक्षित कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष व यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के सबसे नदजीकी नेताओं में से एक थीं। कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ। उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से पढ़ाई की और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की। इनका विवाह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व राज्यपाल व केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री रहे, उमाशंकर दीक्षित के परिवार में हुआ। इनके पति विनोद दीक्षित भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य रहे थे।




  • शीला दीक्षित दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री भी रहीं हैं।

  • उन्होंने 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की कमान संभाली।

  • जिस वक्त उनका निधन हुआ, वे कांग्रेस के दिल्ली अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।

  • 2014 में उन्हें केरल का राज्यपाल बनाया गया था। हालांकि, उन्होंने 25 अगस्त 2014 को इस्तीफा दे दिया था।

  • 2019 के चुनाव में उत्‍तर-पूर्व दिल्‍ली से बीजेपी के मनोज तिवारी के सामने हार का सामना करना पड़ा था।

  • वे केंद्र सरकार में 1986 से 1989 तक मंत्री रहीं।

  • पहले ये, संसदीय कार्यों की राज्य मंत्री रहीं, फिर वे प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री रहीं।

  • 1984-89 में उन्होंने उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था।

  • सद सदस्य के कार्यकाल में, उन्होंने लोक सभा की एस्टीमेट्स समिति के साथ काम किया।


मदन लाल खुराना



साल 1993 से 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे मदन लाल खुराना का निधन पिछले साल अक्टूबर में हो गया था।




  • 82 वर्षीय खुरान लंबे समय से बीमार चल रहे थे, जिसके बाद उन्होंने पिछले साल अक्टूबर से दुनिया को अलविदा कह दिया।

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री के अलावा वो साल 2004 में राजस्थान के राज्यपाल भी रहे।


इस तरह दिल्ली ने एक साल से भी कम समय के अंतराल में अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को खो दिया।


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