RRTS: देश की पहली रैपीड रेल (Rapid Rail) के कोच गुजरात (Gujarat) के सावली प्लांट (Savli Plant) से गाजियाबाद (Ghaziabad) के दुहाई (Duhai) लाए गए हैं. रेल के कोचों को ट्रेलर से सावली प्लांट से दुहाई लाया गया. अब अगस्त में दुहाई डिपो से इस रैपिड रेल का ट्रायल रन किया जाएगा. रैपिड रेल के ट्रायल के लिए ट्रैक बिछाने से लेकर बिजली तक का काम हो गया है. माना जा रहा है कि अगस्त में तीन चरणों में इसका ट्रायल होगा. वहीं मार्च 2023 तक साहिबाबाद (Sahibabad) से दुहाई तक रैपीड रेल चलने लगेगी. 


क्या है तैयारी?
गुजरात के सावली प्लांट से रैपिड रेल के लिए आए कोच को ट्रेलर पर ही ईस्टर्न पेरिफरेल एक्सप्रेसवे के किनारे रखा गया है. अब इन्हें सोमवार को ट्रेलर से नीचे उतारा जाएगा. ट्रेलर के जरिए इन कोचों को गुजरात से राजस्थान और हरियाणा के रास्ते यूपी के गाजियाबाद लाया गया है. यहां वर्कशॉप के लिए शेड तैयार किए गए हैं और डिपो में ट्रेन की टेस्टिंग की तैयारी की जा रही है. आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए डिपो में प्रशासनिक भवन भी बनाया गया है. परीक्षण और रखरखाव के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन का निर्माण किया जा रहा है.


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किसे दिया गया है काम?
एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस रैपीड रेल के लिए मेसर्स एलस्टोम के साथ अनुबंध किया है. मेसर्स एलस्टोम को मेरठ मेट्रो के लिए 10 तीन कोच वाली मेट्रो ट्रेन सहित 40 ट्रेनों की डिलीवरी है. इसके अलावा अगले 15 सालों तक इन ट्रेनों के रखरखाव का जिम्मा भी मेसर्स एलस्टोम का ही होगा. मेसर्स एलस्टोम दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए डिजाइनिंग, आपूर्ति, इन्स्टालिंग, परीक्षण सहित सिग्नलिंग और ट्रेन कंट्रोलिंग के साथ ही प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और दूरसंचार प्रणाली का काम दिया गया है. 


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