Meerut Rapid Rail: मेरठ में रैपिड रेल के लिए खुदाई के दौरान धंसी सड़क, लोगों में दहशत, पुरानी बिल्डिंग जमींदोज होने की चिंता
मेरठ से दिल्ली के लिए रैपिड रेल टनल का काम तेजी से चल रहा है. इसके लिए सुरंग तैयार किए जा रहे हैं. इस बीच दिवाली के दिन सड़क धसने से वन वे व्यवस्था लागू की गई है.
UP News: मेरठ में दिल्ली रोड पर रेपिड मेट्रो की सुरंग के निर्माण की वजह से जमीन का कुछ हिस्सा धंसने से टेंशन बढ़ गई है. दीपावली पर सड़क धंसने के बाद वन-वे व्यवस्था लागू कर दी गई है और जहां सड़क धंसी वहां बैरिकेटिंग करके रास्ता ब्लॉक कर दिया गया है. सड़क धसने की घटना को तीन दिन हो चुके हैं. जिसके बाद भी रास्ता दुरुस्त नहीं हुआ है. सुरंग की खुदाई के दौरान सड़क धंसने के कारण आस-पास के लोगों में दहशत का माहौल है. लोगों को यह चिंता सता रही है कि कहीं सुरंग के कारण उनकी पुरानी बिल्डिंग जमींदोज न हो जाए.
लोगों को हो रही परेशानी
दरअसल, टनल निर्माण के दौरान सड़क धंसने के कारण कैसरगंज के लोगों को चिंता सता रही है. वहीं दिल्ली-मेरठ रोड पर 70 फीट गहरा गड्ढा होने के कारण आम लोगों में भी चिंता है. रोड धंसने के कारण कई जगहों पर रूट डायवर्ट किया गया है. रोड डायवर्ट होने से लोग जाम में फंस रहे हैं जिससे उनकों ऑफिस और कामकाज पर जाने में परेशानी हो रही है.
2019 में हुआ था शिलान्यास
मार्च 2019 में पीएम मोदी ने देश की पहली रीजनल रेल का शिलान्यास किया था. एनसीईआरटी की आरआरटीएस यानी देश की पहली रीजनल रेल का निर्माण स्पीड से चल रहा है. मेरठ से दिल्ली 82 किलोमीटर का ट्रैक बनाया जा रहा है. रैपिड के दिल्ली से मेरठ तक 24 स्टेशन होंगे और 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से रैपिड रेल चलेगी. इसमें 8 लाख लोग हर रोज सफर भी करेंगे. रैपिड के ट्रेक पर मेरठ में मेट्रो भी चलेगी जिसका ट्रेक 21 किलोमीटर का होगा और उसमें 13 स्टेशन होंगे. इस 82 किलोमीटर ट्रैक में 70 किलोमीटर एलिवेटिड है और 12 किलोमीटर अंडरग्राउंड है. इनमें गांधी बाग से बेगमपुल तक 760 मीटर की पहली टनल यानी सुरंग का काम मात्र चार महीने में पूरा कर लिया गया.