डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है जिसका शिकार किसी भी उम्र का शख्स हो सकता है, चाहे वह एक बच्चा हो या बुजुर्ग. कई बार यह इतनी बड़ी समस्या हो जाती है कि लोग इससे अपनी जान तक गंवा देते है. ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के मेंटल हेल्थ पर नोएडा (Noida) में रहने वाली मानसी राय ना सिर्फ बच्चों की मदद कर रही है बल्कि अब तक कई बच्चों की काउंसलिंग कर वह उन्हें बेहतर जिंदगी दे चुकी है.


मानसी की बेस्ट फ्रेंड ने की थी सुसाइड


दरअसल, मानसी अभी खुद 12वीं में पढ़ती हैं और कोरोना काल में जब पूरा देश लॉकडाउन में घर पर था तब उन्हें लगा कि बच्चों के मेंटल हेल्थ पर बात करना बहुत जरूरी है क्योंकि मानसी की खुद की बेस्ट फ्रेंड ने बचपन में सुसाइड कर लिया था. इसके बाद जब वो नौवी में पढ़ती थीं तब भी उनकी एक दोस्त ने आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन उस बच्ची की जान बच गई थी. तबसे ही मानसी ने बच्चों की मदद करने का फैसला कर लिया था.


कहां से आया आइडिया


बच्चों कि मदद करने के आइडिया का जिक्र करते हुए मानसी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि जब वो 7वीं में पढ़ती थी तब उनकी एक फ्रेंड ने डिप्रेशन में आ कर सुसाइड कर लिया था. अपनी सबसे अच्छी दोस्त को खोने के सदमे से किसी तरह उन्होंने खुद को उबारा. लेकिन इसके बाद 9वीं में उनकी एक दोस्त ने उन्हें बताया कि वो आत्महत्या करना चाहती है. तब मानसी ने उसकी मदद की और जान बचा ली. इसके बाद मानसी के दिमाग में बाकी और बच्चों की मदद करने का आइडिया आया.मानसी बताती है कि स्कूल में पढ़ने वाले छोटे बच्चे कई बार शारीरिक और मानसिक शोषण का शिकार होते है लेकिन खुल कर किसी से अपनी बात नही कह पाते. ऐसे में उन्होंने सोचा स्कूलों में मेंटल हेल्थ की क्लास जरूर चलाई जाए.


मानसी ने बनाया एक खास प्लेटफार्म


नोएडा सेक्टर 100 में रहने वाली मानसी राय फिलहाल 12वीं क्लास की छात्रा हैं. मानसी ने बच्चों कि परेशानी को समझते हुए कुछ अलग करने का सोचा इसलिए 2020 में कोरोना काल के दौरान उन्होंने Teenstf.com  नाम का एक प्लेटफार्म बनाया जिसके जरिए वो अलग अलग स्कूलों में जा कर बच्चों को जागरूक करती हैं.  मानसी बताती है अभी उनकी टीम में 10 लोग और 7 वॉलेंटियर हैं. वो अपनी वेबसाइट के जरिए अलग-अलग स्कूल में बच्चों के लिए एक क्लब बनाते हैं, और फिर उन बच्चों का सेशन साइकोलॉजिस्ट के साथ करवाती हैं. इन ग्रुपों में ज्यादातर वो बच्चे होते हैं जो किसी समस्या से गुजर रहे होते हैं.


परिवार वालों का मिला था समर्थन


मानसी के पिता सौरव राय बताते हैं कि शुरुआती दौर में उन्हें लगता था कि इतनी छोटी सी बच्ची कैसे इतना बड़ा काम कर पाएगी, लेकिन धीरे-धीरे जब उन्होंने मानसी को काम करते देखा तो उन्हें लगा कि वाकई में वो कई बच्चों की मदद कर सकती हैं. मानसी ने बताया कि उन्हे घर वालों का काफी समर्थन मिला है और उनके पैरेंट्स काफी खुश हैं कि वो अबतक कई बच्चों की मदद कर पाई है.


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