मुजफ्फरनगर, एबीपी गंगा। नागरिकता संशोधन बिल पर मचे बवाल के बीच हिंसा की आग में सुलगती दिल्ली में स्थिति अब कंट्रोल में है, लेकिन इन तीन दिनों का दर्द दिल्ली कभी भूला नहीं पाएगी। सीएए विरोध और समर्थन में आयोजित प्रदर्शन के बाद हुई हिंसा ने 34 लोगों की जान ले ली, 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल भी शहीद हो गए और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के कॉन्स्टेबल अंकित शर्मा भी इस दुनिया में नहीं रहे।


26 फरवरी को खजूरी नाले से मिला अंकित शर्मा का शव


 मंगलवार से ही उनका परिवार अंकित की तालश में जुटा था, बुधवार को जब चांद बाग पुलिया के नाले से अंकित का शव मिला, तो उनके परिवार में मातम पसर गया। विभाग भी सकते में आ गया। शहीद अंकित शर्मा वैसे तो अपने परिवार के साथ खजूरी इलाके में रहते थे, लेकिन वो मूलरूप से मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना थाना क्षेत्र के ईटावा गांव के निवासी थे। गुरुवार (27 फरवरी) को उनका शव उनके पैतृक गांव लाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। एडीएम अमित कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस बारे में एसडीएम बुढ़ाना द्वारा सूचना मिली है।


ड्यूटी से घर लौट रहे थे अंकित, तभी हुए हिंसा का शिकार 


दिल्ली हिंसा का सबसे खतरनाक रूप खजूरी इलाके में देखने को मिला। अंकित शर्मा का न तो सीएए के समर्थन और न ही विरोध से लेना देना था, लेकिन हिंसा की आग ने उन्हें भी अपना आगोश में ले लिया। मंगलवार शाम को अंकित अपनी ड्यूटी पूरी कर घर वापस लौट रहे थे, तभी खजूरी पुलिया पर कुछ अज्ञात दंगाइयों ने उन्हें घेर लिया। उनके साथ मारपीट की। उनके शव को नाले में फेंक दिया। मंगलवार से ही उनका परिवार अंकित की तलाश में जुटा था। बुधवार को जब इलाके की छानबीन की गई, तो उनका शव नाले में पड़ा मिला।



अंकित के परिजनों का आरोप


अंकित के परिजनों ने बताया कि उनके सिर पर तलवार से वार किया गया था। चाकू भी मारे गए थे। पत्थर से नाले में अंकित का शव दबा दिया गया था।



बड़े भाई ने आप नेता के समर्थकों को बताया गुनहगार 


बता दें कि अंकित के बड़े भाई रविंदर शर्मा भी IB में हेड कांस्टेबल हैं। उन्होंने अपने भाई की हत्या का आरोप आम आदमी पार्टी  के नेता ताहिर हुसैन के समर्थकों पर लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अंकित के साथ मारपीट के साथ ही उसे गोली भी मारी गई। पुलिस ने जीटीबी अस्पताल में अंकित के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।



 हेड कांस्टेबल रतनलाल भी हुए शहीद


अंकित शर्मा की मौत से पहले दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल की हिंसा में मौत हो गई थी। उनके परिवार में उनके पीछे बुजुर्ग मां-बाप, पत्नी और तीन बच्चे हैं। उनके निधन के बाद उनके परिवारवालों ने रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। बता दें कि रतनलाल मूल रूप से राजस्थान के सीकर गांव के रहने वाले थे, जहां उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।


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