Petrol Diesel Price: आज नहीं बढ़े यूपी समेत तमाम राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए- कब और कितना बढ़ सकता है रेट?
जहां एक तरफ कच्चे तेल के दाम आसमान छू रहे हैं तो वहीं पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी खत्म हो चुके हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि आज पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.
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Petrol Diesel Price: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, वहीं रूस-यूक्रेन यूद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतें भी आसमान छू रही हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि देश में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दाम बढ़ना तय है. लेकिन तमाम अटकलों के बाद भी आज पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं. दिल्ली, यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित तमाम राज्यों में तेल की कीमत में आज कोई खास बदलाव नहीं किया गया है.
आखिरी चरण की वोटिंग के बाद भी नहीं बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
दरअसल, सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक हर जगह सिर्फ यही चर्चा हो रही थी कि आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होते ही तेल के दाम आम आदमी को झटका देने वाले हैं. हालांकि ऐसा नहीं हुआ है. वहीं दूसरी तरफ रूस-यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है. बावजूद इसके आज तेल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है.
कितना महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल
वहीं तमाम रिपोर्ट्स के अनुमान के मुताबिक पेट्रोल-डीजल 15 से 20 रुपये महंगा हो सकता है. हालांकि ये बढ़ोतरी एक बार में नहीं होगी. यानी हर रोज कीमत में कुछ ना कुछ इजाफा किया जाएगा. गौरतलब है कि देश में पिछले साल 3 नवंबर को केंद्र सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी घटाकर तेल की कीमत कम कर दी थी. केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल पर पांच रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाई गई थी. इसके बाद दिल्ली, यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल की कीमत कम कर दी थी. तब से लेकर अब तक ईंधन की कीमत में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं किया गया है.
कच्चे तेल के दाम रिकॉर्ड लेवल पर
वहीं कच्चे तेल की कीमत की बात करें तो रुस और यूक्रेन युद्ध ( Russia Ukraine War ) के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 14 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है. रूस से तेल की आपूर्ति में व्यवधान की आशंका से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का दाम 2008 के बाद पहली बार 139 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया है. तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) की जानकारी के मुताबिक, भारत में कच्चे तेल की खरीदारी 3 मार्च को बढ़कर 117.39 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जो 2012 के बाद सबसे ज्यादा है. जबकि नवंबर 2021 के शुरुआत में इंडिन बॉस्केट प्राइस क्रूड ऑयल का औसतन 81.5 डॉलर प्रति बैरल था. साफ है कच्चे तेल के दामों में ये इजाफा भारतीयों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाला है. जो खपत के लिए आयात पर निर्भर है. भारत अपने ईंधन खपत का 80 फीसदी आयात करता है.
आज के बाद कभी भी बढाए जा सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
बहरहाल रिपोर्ट्स के मुताबिक पांच राज्यों के चुनाव नतीजे 10 मार्च को घोषित कर दिए जाएंगे. इसके बाद पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने की पूरी संभावना है. यानी एक-दो दिन बाद कभी भी पेट्रोल डीजल के कीमतों में इजाफे का सिलसिला शुरू हो सकता है. सरकारी तेल कंपनियों तो बस सरकार के हरी झंडी दिखाने का इंतजार कर रही हैं. सिग्नल मिलते ही पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाना शुरू कर दिया जाएगा. वैसे भी पेट्रोल डीजल पर तेल कंपनियों को भारी अंडर रिकवरी का सामना करना पड़ा रहा है.
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