Agra News: द शू फैक्टर्स फैडरेशन के नेतृत्व में अखिल भारतीय संयुक्त जूता संघ, सोल, कम्पोनेंट व फोम एसोसिएशन की तरफ से आगरा में महासभा का आयोजन किया गया. एक मंच से एकजुट होकर 12 प्रतिशत जीएसटी का विरोध किया. बड़ी संख्या में जूता व्यापारी दस्तकार, सहित देश के 26 राज्यो के अखिल भारतीय जूता संघ के पदाधिकारियों ने इस महासभा में हिस्सा लिया. जूता प्रतिष्ठान व फैक्ट्रियां को बंद कर विरोध जताया गया.


कहा गया कि जूते पर 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत जीएसटी करने पर घरेलू जूते से मिलने वाला राजस्व बढ़ने के बजाय कम हो गया, 6401 से 6405 तक की पांचों क्लासीफिकेशन में 1085 व्यापारियों ने अपना पंजीकरण रद्ध करा लिया है, इससे बड़ा और क्या सबूत चाहिए केन्द्र सरकार को कि 12 प्रतिशत जीएसटी होने से आगरा का घरेलू जूता व्यापार दम तोड़ रहा है. घरेलू जूते से जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर फिर 5 प्रतिशत कर दी जाए तो आगरा के जूता व्यापार को ऑक्सीजन मिल जाए.


'टैक्स बढ़ाकर छीनी जा रही रोजी-रोटी'
द आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने कहा कि हम सब एक साथ इसलिए इकट्ठे हुए हैं कि हमारे साथ धोखा हुआ है, सरकार ने जूते पर जीएसटी लगाते वक्त आश्वासन दिया था कि जो जीएसटी कपड़े पर लगेगी वहीं जूते पर लगाई जाएगी. भारत में घरेलू जूते की लगभग 65 प्रतिशत आपूर्ति आगरा करता था, जो घटकर 50 प्रतिशत से भी कम हो गई है. जूता बुनाई संघ की महिलाएं घर-घर चौका बर्तन कर रही हैं, युवा पलायन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अपनी मांग को पूरी कराए बगैर चैन से नहीं बैठेंगे. 


शू फेक्टर्स फेडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा ने कहा कि आगरा के जूता व्यापार पर टैक्स बढ़-बढ़ा कर हमसे हमारी रोटी छीनी जा रही है. अन्य जूता व्यापारियों ने कहा कि 12 प्रतिशत जीएसटी के जरिए सरकार हमें दबाने का प्रयास कर रही है. हमारी मांग न मानी तो आंदोलन सड़कों पर होगा. पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी, फिर कोराना और अब 5 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत जीएसटी से लगातार जूता उद्योग में गिरावट आ रही है. जब भी हमारे व्यापार पर चोट पहुंचेंगी हम उस बाधा को एकजुट होकर पार करेंगे.


ये भी पढ़ें: BJP सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी ही सरकार को घेरा, कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल