नोएडा: दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान और सरकार के बीच में चल रही वार्ता एक बार फिर विफल रही. यही वजह है कि अब अगली तारीख 9 दिसंबर की तय की गई है. 9 दिसंबर को एक बार फिर सरकार किसानों से बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास करेगी. लेकिन, कई दौर की बैठक के बावजूद भी किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. यही वजह है कि कई दौर की मीटिंग के बाद भी कोई हल नहीं निकल पा रहा है.
क्यों विफल रही बातचीत
एबीपी गंगा ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर पिछले 10 दिनों से धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप समेत कई किसानों से बातचीत की. बातचीत के दौरान ये जानने की कोशिश भी की गई कि आखिर शनिवार को सरकार के साथ हुई जो वार्तालाप विफल रही उसको लेकर उनका क्या कहना है.
निर्णय लेने में देरी क्यों हो रही है
भानु प्रताप ने कहा कि सरकार को आखिरकार पूछना किससे है, उसी को निर्णय लेना है फिर तारीख पे तारीख क्यों दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ये स्पष्ट करें कि वो किसानों की मांगों को लेकर के गंभीर है या नहीं और अगर गंभीर हैं तो फिर निर्णय लेने में इतनी देरी क्यों हो रही है.
पीछे नहीं हटेंगे किसान
वहीं, किसानों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वो इसी तरह सीमा पर डटे रहेंगे और जरूरत पड़ी तो वो दिल्ली भी कूच करेंगे. जब तक उनकी मांगों को सरकार मान नहीं लेती है वो पीछे हटने वाले नहीं है. चाहे सरकार एक बार में माने या 100 बार में. अब इस सरकार को निर्णय लेना है कि वो कब मानती है.
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