Dengue: लखनऊ में डेंगू का कहर, सितंबर में टूटे हर रिकॉर्ड, 24 घंटे में मिले 21 मरीज
लखनऊ में पिछले 24 घंटे में जो 21 मैरिज डेंगू पॉजिटिव आए हैं. उनमें से चार को प्लेटलेट्स कम होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस महीने डेंगू के मरीजों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है.
Dengue: राजधानी लखनऊ में डेंगू के मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं. रविवार को लखनऊ में 21 मरीज सामने आए जो कि इस साल के सबसे अधिक मरीजों की संख्या है. जनवरी से अगस्त तक की बात करें तो लखनऊ में 103 मामले डेंगू के पाए गए थे. वहीं सितंबर महीने में 1 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक 181 मरीज डेंगू के मिले हैं जिसमें सबसे अधिक मरीज 22 तारीख को डेंगू के पाए गए हैं. इनमें 50 के करीब मरीज अभी अस्पताल में भर्ती है.
पिछले महीने रोजाना तीन से चार मरीज ही डेंगू से प्रभावित मिल रहे थे लेकिन रविवार को इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली है. पिछले 24 घंटे में जो 21 मैरिज डेंगू पॉजिटिव आए हैं. उनमें से चार को प्लेटलेट्स कम होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें अधिकतर मामले गोसाईगंज, माल, चिनहट, आलमबाग, इंदिरा नगर और गोमती नगर विस्तार क्षेत्र के हैं.
अस्पतालों में 100 बड़े रिजर्व
डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलग-अलग क्षेत्र में एंटी लार्वा का छिड़काव के साथ ही फॉगिंग कर रहा है. वहीं डेंगू से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों में 100 से अधिक बेड भी रिजर्व किए गए हैं और जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है. इसमें सिविल और बलरामपुर अस्पताल में 30-30 बीएड रिजर्व किए गए हैं.
लोक बंधु अस्पताल में 20 बेड रिजर्व किए गए हैं, जबकि रामसागर मिश्रा और रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल में 10-10 बेड रिजर्व किए गए हैं. नोएडा में भी डेंगू और मलेरिया के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने के मिल रही है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियों को और दुरुस्त कर रहा है.
जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बारिश के मौसम में डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. मलेरिया-डेंगू के मरीजों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए अस्पतालों में विशेष तौर पर बेड आरक्षित किए गए हैं. नोएडा के तमाम सेक्टर और गांव के इलाकों में विशेष तौर पर कैंप लगाए जा रहे हैं. इसके साथ ही, लोगों को डेंगू-मलेरिया के बचाव के लिए निर्देशित किया जा रहा है कि जैसे ही बुखार या अन्य समस्या सामने आएं, वे तुरंत अस्पताल में भर्ती हों.