Deoband News: नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब की गुस्ताखी में दिए गए बयान के बाद से मुस्लिमों में इसको लेकर बहुत नाराजगी थी जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया गया. इस निलंबन के बाद देवबंदी उलेमाओं ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा उठाए गए कदम की सराहना की.


'कार्रवाई पहले ही हो जानी चाहिए थी'


देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गोरा ने कहा कि यह निलंबन की कार्रवाई पार्टी की तरफ से बहुत पहले हो जानी चाहिए थी. पार्टी को बयान देने के बाद ही तुरंत निलंबित करना चाहिए था और साथ ही कानूनी कार्रवाई भी करनी चाहिए थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब दोबारा से सत्ता में आए तो उन्होंने कहा था कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास लेकिन नूपुर शर्मा के बयान के बाद लोगों में बहुत मायूसी देखने को मिली. बहरहाल पार्टी ने बहुत अच्छा कदम उठाया है पार्टी को निलंबन के साथ कानूनी कार्रवाई भी करनी चाहिए.


'कार्रवाई स्वागत योग्य'


उलेमा कारी ने आगे कही कि अगर पार्टी साथ ही कानूनी कार्रवाई भी करती है तो लोगों के मन में जो नारा है सबका विश्वास वह और मजबूत होगा. यह मुल्क अलग-अलग धर्म के लोगों का मुल्क है यहां किसी को अधिकार नहीं है कि किसी के धर्म की मुखालफत की जाए और तोहीन की जाए. देवबंदी उलेमा मुफ्ती अरशद कासमी ने कहा नफरत का जहर घोलने वाली बीजेपी नेता के खिलाफ कार्रवाई स्वागत योग्य है. कासमी ने नूपुर शर्मा को बताया कानपुर हिंसा का असली दोषी बताया. इस प्रकार के बयान से समाज में आपसी तनाव पैदा होता है.


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