UP Crime News: देवरिया में हत्या-डकैती के मामले में 41 आरोपियों को 10-10 साल की सजा, 29 साल बाद आया फैसला
UP Crime News: यूपी के देवरिया में हत्या-डकैती के मामले में 29 साल बाद फैसला आया है. इस घटना एक महिला और बच्ची की मौत हो गई थी. कोर्ट ने 41 आरोपियों को 10-10 साल की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है.
Deoria Crime News: यूपी के देवरिया में हत्या और डकैती के मामले में 29 साल बाद फैसला आया है. इस घटना में 41 आरोपियों को 10-10 साल के कारावास और जुर्माने की सजा कोर्ट ने सुनाई है. ये घटना 1995 में हुई थी. इस घटना में आइपीएफ से जुड़े लोगों ने घरों में घुसकर लूटपाट की थी. जवाबी कार्रवाई में चली गोली से एक महिला और बच्ची की मौत हो गई थी.
इस मामले में देवरिया की अपर सत्र न्यायाधीश इंदिरा सिंह की अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया. देवरिया के खामपार थाना क्षेत्र के बलुअन खास के रहने वाले अजय कुमार श्रीवास्तव साल 1995 में 17 जनवरी की शाम अपनी बाइक से बाजार जा रहे थे. इस दौरान रास्ते में छोटेलाल की साइकिल से टक्कर हो गई. छोटेलाल इंडियन पीपुल्स फ्रंट (आईपीएफ) का सदस्य था. बाइक व साइकिल टकराने को लेकर दोनों में कहासुनी होने लगी. इस दौरान दोनों के बीच विवाद हो गया था.
वाहन के टक्कर से विवाद की हुई थी शुरुआत
अजय कुमार श्रीवास्तव और छोटेलाल में विवाद मोटरसाइकिल और साइकिल के टकराने के वजह से शुरु हुई थी. वहां मौजूद लोगों ने बचाव कर झगड़ा छुड़ा दिया था. वहीं जाते समय छोटेलाल ने सबक सिखाने की धमकी दी. 18 जनवरी की सुबह करीब 7 बजकर 20 मिनट पर करीब 150 की संख्या में आईपीएफ के सदस्य नारेबाजी करते हुए भाला, लाठी, डंडा, ईट, पत्थर, बम आदि से लैस होकर अजय श्रीवास्तव के घर पर हमला कर दिया. घर के लोग डर कर छत पर भागे. गांव में दहशत के चलते भगदड़ मच गई. हमलावरों ने अजय के अलावा उनके पड़ोसी हरदेव और रामनाथ के घरों में लूटपाट की थी.
घटना में एक महिला और बच्ची की हुई थी मौत
जब अजय श्रीवास्तव के घर आईपीएफ के सदस्य लूट करने आए थे. तभी अजय श्रीवास्तव ने अपने बाबा की लाइसेंसी बंदूक से हमलावरों पर फायर किया. इस घटना में एक महिला और बच्चे की मौत हो गई. इस मामले में 28 साल तक चली सुनवाई के बाद शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश इंदिरा सिंह की अदालत ने हमला कर लूटपाट करने वाले पक्ष के 40 लोगों को 10-10 साल की कैद और एक हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई. जबकि हत्या मामले में एक आरोपी को अदालत ने दोषी मानते हुए 10 वर्ष की कैद व 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है.
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