30 साल से नौकरी कर रहे फर्जी शिक्षक को UP ATS ने किया गिरफ्तार, कई धाराओं में मुकदमा दर्ज
UP News: यूपी के देवरिया में लगभग 30 साल से सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी कर रहे शख्स को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया. फर्जी तरीके से उसने दूसरे के अंक पत्र पर अपना नाम चढ़वा लिया था.
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Deoria News: कूटरचित दस्तावेज के आधार पर पिछले 30 सालों से सरकारी स्कूल में शिक्षक की नौकरी कर रहे शख्स को एसटीएफ ने अरेस्ट कर लिया. गोरखपुर का रहने वाला यह शख्स देवरिया के प्राथमिक विद्यालय में तैनात था. 30 साल पहले उसने दूसरे के अंक पत्र को फर्जी तरीके से कूटरचना कर अपना नाम चढ़वा लिया था. इस दौरान जब बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे शिक्षकों की जांच की गई, तो अंक पत्र में गड़बड़ी की जानकारी हुई. एसटीएफ लखनऊ की गोरखपुर यूनिट में देवरिया में आरोपी फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया.
गोरखपुर एसटीएफ यूनिट के निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक धर्मेश कुमार शाही के निर्देशन में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं अभियान के तहत या गिरफ्तारी की गई है. आरोपी की पहचान गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के मामखोर के रहने वाले राजीव शुक्ला के रूप में हुई है. पुलिस ने उसके पास से 220 रुपए नकद, मोबाइल, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया है.
एसटीएफ की टीम ने अध्यापक को किया गिरफ्तार
एसटीएफ में आरोपी देवरिया जनपद के भलुअनी विकासखंड में बरामुकुंद गांव के बारामुकुंद प्राथमिक विद्यालय से शुक्रवार को दोपहर 1:30 बजे अरेस्ट किया है. एसटीएफ की टीम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया कार्यालय से सम्बन्धित शिक्षकों के बारे में जानकारी हेतु सम्पर्क कर अभिलेख प्राप्त किए.
जांच में पता चला कि देवरिया जनपद के भलुअनी के बारामुकुंद गांव के प्राथमिक विद्यालय बारामुकुन्द में गोरखपुर के गगहा के मामखोर गांव का रहने वाला राजीव शुक्ला कूटरचित दस्तावेज/अंकपत्र के आधार पर अध्यापक की नौकरी कर रहा है. इस जांच के आधार पर एसटीएफ टीम ने प्राथमिक विद्यालय बारामुकुन्द से राजीव शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूला
गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसका नाम राजीव शुक्ला है. वो गोरखपुर के गगहा के मामखोर का रहने वाला है. वो हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा का अंकपत्र व प्रमाण पत्र गोरखपुर के गोला के पटहुओं के रहने वाले विजयशंकर द्विवेदी के साथ मिलकर बनवाया था. इनकी वर्तमान में मौत हो चुकी है. पिता के नाम के बारे में पूछने पर बताया कि उनका नाम उमाशंकर शुक्ल है. क्योंकि अंकपत्र व प्रमाण पत्र पर हर जगह नर्वदेश्वर था, तो उसने आधार कार्ड व पैन कार्ड पर नर्वदेश्वर ही पिता का नाम लिखवा दिया.
अध्यापक पद पर नौकरी के समय बीटीसी का अंकपत्र राजीव पुत्र नर्वदेश्वर के नाम का विजय शंकर द्विवेदी को मिला था. उसी आधार पर सभी जगह पिता का नाम नर्वदेश्वर लिख कर अन्य दस्तावेज आधार कार्ड, पैन कार्ड कूटरचित करके बनवा लिए, जिसके आधार पर शिक्षक की नौकरी कर रहा था. आरोपी के खिलाफ देवरिया जनपद के भलुअनी थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत पुलिस द्वारा विधिक कार्रवाई की जा रही है.
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