UP Politics: 'हमारा उनका 17 साल पुराना संबंध', डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ मंच साझा करने पर बोले ओपी राजभर
ओपी राजभर ने कहा कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ उनके संबंध 17 साल से हैं. दोनों ही बसपा में थे. उन्होंने बताया कि ब्रजेश पाठक एक अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में आए थे.
UP News: सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की सावधान यात्रा (Savdhan Yatra) आज यूपी के देवरिया (Deoria) पहुंची. यहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए. उन्होंने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) के साथ मंच साझा करने पर कहा कि उनसे 17 साल पुराना संबंध है. वह उन्हें तब से जानते हैं जब दोनों बसपा में थे.
अस्पताल उद्घाटन के लिए आए थे ब्रजेश पाठक - राजभर
राजभर ने ब्रजेश पाठक के साथ मंच साझा करने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, '17 साल से हमारा उनका संबंध है. जब वह बसपा में थे तो हमारा उनका संबंध है. पिछले कार्यकाल में दोनो मंत्री थे. शिवेंद्र सिंह हमारे पार्टी के प्रदेश महासचिव हैं. वह एक विद्यालय चलाते हैं उसी में उन्होंने एक अस्पताल खोला है, उस अस्पताल के उद्घाटन के लिए ब्रजेश पाठक आए थे. मंच दोनों लोगों के लिए बना था. पाठक जी को लेकर हमको आना था.'
अखिलेश यादव के एकबार फिर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर राजभर ने कहा, 'ये कौन सी नई बात है. ये राष्ट्रीय अध्यक्ष हम तीन बार से देख रहे हैं. 2022 का चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव हारा गया. 2019 का उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव हारा गया, जिला पंचायत चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में हारा गया. नगर पंचायत वह भी हारेंगे. लोकसभा आएगा वह भी देख लीजिएगा, नई बात थोड़ी हो गई है. यह जरूर है कि दगे हुए कारतूस को उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जो अपना बूथ नहीं जितवा सकते.'
माफिया राज में बड़े पैमाने पर आई गिरावट - राजभर
चंद्रशेखर रावण को लेकर राजभर ने कहा कि प्रदेश में चर्चा राम और रावण की हो रही है. चंद्रशेखर जी हमारे बड़े भाई हैं उनका स्वागत है. राजनीति में सब लोग स्वतंत्र हैं. हमारी कोशिश होती है कि सब लोग मिलकर एक साथ काम करें. जो प्रदेश में पहले गुंडाराज था माफिया राज था आप शहरों में देख रहे हैं उस में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है. भू माफियाओं के ऊपर कार्रवाई हो रही है अच्छी बात है. कमजोर, गरीब और भूमिहीनों को गांव से उजाड़ा जा रहा है, यह गलत है, मैंने सीएम से बीत कही है.'
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