UP Politics: रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किया पलटवार, कही ये बात
सूर्य प्रताप शाही ने रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर बिहार के शिक्षामंत्री पर हमला किया और कहा कि ये लोग हमारी आस्था और धार्मिक भावनाओं को कमजोर करना चाहते हैं.
Deoria Makar Sankranti 2023: उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर देवरिया (Deoria) में अपने पैतृक गांव पकहा पहुंचे, जहां उन्होंने मकर संक्रांति पर खिचड़ी सहभोज का आयोजन किया. इस अवसर पर सैकड़ों लोग एक साथ भोज में शामिल हुए. इस भोज में मोटे अनाज की भी सामग्री बनाई गई थी. कृषि मंत्री ने कहा कि इस सहभोज के माध्यम से ये संदेश देने की कोशिश की गई है कि मोटे अनाज को अपने थाली का हिस्सा बनाये, साथ ही अपने खेत के एक छोटे हिस्से में इसके फसल भी बोए.
इस दौरान जब पत्रकारों ने सूर्य प्रताप शाही से बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी किए जाने को लेकर सवाल किया तो कृषि मंत्री ने कहा कि ये लोग वही काम कर रहे है जो ब्रिटिश हुकूमत के समय मैकाले ने कहा था. यह लोग हमारी आस्था और धार्मिक भावनाओं को कमजोर कर देना चाहते है.
बिहार के शिक्षामंत्री पर साधा निशाना
कृषि मंत्री ने बिहार के शिक्षामंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि ये उन लोगों का काम है कि देश की धार्मिक भावनाओं, आस्थाओं और जो यहां के शास्त्र और परिपाटियां हैं उनके ऊपर हमला बोलें. ये काम आज से नहीं ब्रिटिश हुकूमत के समय में मैकाले ने किया था. मैकाले ने कहा था कि जब तक यहां की संस्कृति और भाषा को कमजोर नहीं कर दिया जाएगा और अंग्रेजियत की ओर नही ले जाया जाएगा तब तक इस देश पर शासन नहीं किया जा सकता. कांग्रेस थी तो वह भी आस्था पर चोट पहुंचाने का काम करती थी, इतिहास पर लीपापोती की. हमारे देश का पिछले 1000 सालों में कई संघर्ष और गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन इतिहास से उनको हटा दिया गया.
मकर संक्रांति पर समरसता भोज किया
वहीं मकर संक्रांति पर समरसता भोज को लेकर को लेकर उन्होंने कहा कि ये हमारे परिवार की एक पुरानी परंपरा है. जिसमें ग्रामीण लोगों को आमंत्रित किया जाता है और सब लोग यहां आते हैं एक साथ खिचड़ी भोज करते हैं. परस्पर सद्भाव और सामंजस्य का भाव लेकर यहां से जाते हैं. कृषि मंत्री ने इस अवसर पर कंबल वितरण का भी कार्यक्रम किया गया. इस साल हम लोगों ने भोज के भीतर मोटे अनाजों की भी कुछ सामग्रियां बनाई थी और उनकी रेसिपी रख कर के प्रयास किया था कि लोग उसको अपने भोजन के थाली का हिस्सा बनाएं और अपने खेतों में एक हिस्से में आने वाले समय के भीतर मोटे अनाज लगाएं यह यहां से संदेश देने की कोशिश की गई है.
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