Deoria News: सरकारी आदेश की उड़ाई गई धज्जियां, आज भी कागज में इस्लामिया के नाम से चलता है ये स्कूल
UP News: देवरिया में 7 इस्लामिया विद्यालय प्रकाश में आए थे. योगी सरकार ने सातों के नाम से इस्लामिया शब्द हटा दिया था. अबूबकर नगर स्थित इस्लामिया विद्यालय आज भी सरकारी दस्तावेजों में जिंदा है.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के देवरिया (Deoria) जिले में 4 वर्ष पूर्व इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय (Islamia Primary School) का नाम चर्चा में आया था. लोगों का कहना था कि इन विद्यालयों का नाम इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय आजादी के पूर्व से चला आ रहा था और परिषदीय स्कूल शुक्रवार को बंद रहता था और रविवार को खोले जाते थे. इस क्रम में देवरिया में भी 7 इस्लामिया विद्यालय प्रकाश में आए थे, तब योगी सरकार ने सातों विद्यालय के नाम से इस्लामिया शब्द हटा दिया था और कई टीचर पर बड़ी कार्रवाई हुई थी. लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि जिला मुख्यालय के तहसील रोड के अबूबकर नगर कस्बे में स्थित इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय आज भी सरकारी दस्तावेजों में जिंदा है.
सरकारी लिखा पढ़ी में नाम इस्लामिया
4 साल पूर्व इस स्कूल से तत्कालीन प्रधानाध्यापक द्वारा रात में इस्लामिया शब्द को पेंट कराकर हटा दिया गया था और बिना अनुमति के प्राथमिक विद्यालय अबुकनगर रख दिया गया लेकिन आज भी सरकारी लिखा पढ़ी में यह प्राथमिक विद्यालय इस्लामिया है. हालांकि स्कूल के प्रधानाध्यापक, सभासद और स्कूल समिति के लोग चाहते हैं कि इस विद्यालय का नाम इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय से बदलकर महापुरुष अब्दुल कलाम प्राथमिक विद्यालय रखा जाए. इसके लिए स्कूल के प्रधानाचार्य ने कई बार बेसिक शिक्षा विभाग से पत्र व्यवहार किया लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. अभी भी यह स्कूल सरकारी दस्तावेजों में प्राथमिक स्कूल इस्लामिया नाम से ही चल रहा है.
सरकारी आदेश की उड़ाई गईं धज्जियां
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि, मामला संज्ञान में आया है और जांच कराकर जो भी उचित कार्रवाई होगी उसे किया जायेगा. गौरतलब है कि जिस समय इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय का मामला चर्चा में आया था उस समय भी बीजेपी की सरकार थी और आज भी बीजेपी की सरकार है फिर भी सरकार के आदेशों की किस तरह से धज्जियां उड़ाई जा रही हैं इसका उदाहरण सरकारी दस्तावेजों में दर्ज इस्लामिया प्रथमिक विद्यालय है. इन चार सालों में 7 से अधिक बेसिक शिक्षा अधिकारी आए लेकिन वे अपने ऑफिस से चंद कदमों की दूरी पर स्थित प्राथमिक स्कूल इस्लामिया को नहीं बदलवा सके.