Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के देवरिया (Deoria) जिले के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बरवामीर छापर में अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) के तहत जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण और तालाब के कार्य का औचक निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने शासन की प्राथमिकता वाली अमृत सरोवर योजना में निर्माण कार्य में अनावश्यक देरी और ज्यादा घटिया गुणवत्ता की निर्माण सामग्री का प्रयोग होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की. इस दौरान डीएम ने इसके लिए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए.
बंदरबांट नहीं करेंगे बर्दाश्त-डीएम
डीएम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए खंड विकास अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि, ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने और ग्राम प्रधान को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जनहित में संचालित परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की शासकीय धन की बंदरबांट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जवाबदेही तय करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
नहीं मिला संतोषजनक जवाब
डीएम के दौरे के दौरान वहां मौके पर अमृत सरोवर परियोजना के तहत अत्यंत प्रारंभिक स्तर का कार्य होता हुआ मिला. डीसी मनरेगा बीएस राय ने डीएम को बताया कि कुल 39 लाख रुपए की लागत से बनने वाली इस परियोजना को 19 जून को स्वीकृत किया गया था लेकिन इसपर काम देरी से शुरू हुआ. डीएम ने इस महत्वपूर्ण परियोजना में अनावश्यक देरी की वजह पूछी लेकिन इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला, इसपर उन्होंने गहरी नाराजगी व्यक्त की.
क्या कहा जिलाधिकारी ने
देवरिया के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि, देसई देवरिया ब्लाक का गांव बरवामीर छापर है जिसमें एक अमृत सरोवर की परियोजना है. कुल 39 लाख कुछ रुपये की 19 जून से सेन्सन है और 12 सितंबर 2022 तक बहुत ही कम काम हुआ है. यहां नंबर दो की ईंटें लगी हुई हैं और वे टूट रही हैं. इसका कोई भी जवाब पंचायत सेक्रेटरी, बीडीओ और डीसी के पास नहीं है. अमृत सरोवर परियोजना भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना थी. उसमें घोर लापरवाही हो रही है. पंचायत सेक्रेटरी और प्रधान का दायित्व तय करेंगे और समीक्षा करेंगे.