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UP Flood: बाढ़ पर ब्रजेश पाठक बोले- 'घबराने की कोई स्थिति नहीं, पेट्रोलिंग के दिए निर्देश', इन मुद्दों पर भी दिया जवाब
उत्तर प्रदेश में नदियों के बढ़ रहे जलस्तर और बाढ़ के हालातों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि बाढ़ को लेकर विभाग सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहा है.
![UP Flood: बाढ़ पर ब्रजेश पाठक बोले- 'घबराने की कोई स्थिति नहीं, पेट्रोलिंग के दिए निर्देश', इन मुद्दों पर भी दिया जवाब Deputy CM Brajesh Pathak says no situation to panic on UP Flood instructions given for patrolling UP Flood: बाढ़ पर ब्रजेश पाठक बोले- 'घबराने की कोई स्थिति नहीं, पेट्रोलिंग के दिए निर्देश', इन मुद्दों पर भी दिया जवाब](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/12/8728a0e939b0873020b2706bea1563391689142874097369_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
UP News: उत्तर भारत में पिछले तीन दिन से हो रही बारिश के कारण कम से कम 20 और लोगों की मौत की खबर है, वहीं प्रशासन ने राहत और बचाव प्रयास बढ़ा दिये हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हिमाचल प्रदेश में फंसे राज्य के लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के लिहाज से हिमाचल सरकार के साथ समन्वय कर काम किया जाए. जबकि राज्य में कई नदियां उफान पर आने लगी हैं, जिससे नीचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं.
बाढ़ की तैयारियों को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, "बाढ़ को लेकर बाढ़ नियंत्रण विभाग, सिंचाई विभाग सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहा है. पेट्रोलिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं. अभी घबराने की कोई स्थिति नहीं है. कहीं कोई संक्रामक रोग ना फेले, उसको लेकर चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और अस्पतालों में दवाईयों का इंतजाम भी कर दिया गया है."
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अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश
हालांकि इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ को लेकर बैठक की थी. तब उन्होंने सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए थे. सीएम योगी ने कहा था, "आपदा नियंत्रण के लिए 24 घंटे अलर्ट रहें. नदियों के जल स्तर पर नजर रखें. आपदा प्रबंधन मित्र और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की भी मदद की जाए. हमें बाढ़ के साथ-साथ जलभराव के निदान के लिए भी ठोस प्रयास करना होगा."
उन्होंने आगे कहा, "जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी और पुलिस की संयुक्त टीम जलभराव से बचाव के लिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार व्यवस्था करें. जिलाधिकारी, क्षेत्रीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, नगरीय निकाय के चेयरमैन/अध्यक्ष के साथ संवाद कर जलभराव के समाधान के संबंध में आवश्यक कार्य किए जाएं. इस वर्ष अब तक 24 जनपदों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है, जबकि 31 जिलों में औसत से कम वर्षा दर्ज की गई है."
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