Keshav Prasad Maurya News: उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ (Aligarh) का नाम हरिगढ़ (Harigarh) करने के मुद्दे को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने एक बार फिर से हवा दे दी है. सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की द्वितीय पुण्यतिथि के मौके पर केशव मौर्य ने अपने भाषण में अलीगढ़ का हरिगढ़ नाम लेकर चर्चाएं बढ़ा दी. उन्होंने ये बात उस वक्त कही जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी मंच पर मौजूद थे.


बीजेपी ने पूर्व सीएम कल्याण सिंह की पुण्यतिथि को हिन्दू गौरव दिवस के तौर पर मनाया, इस दौरान अलीगढ़ में पार्टी की ओर से बड़ा कार्यक्रम किया गया था. जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल हुए. इस कार्यक्रम में अपना भाषण देते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि याद करिए 1992 जब बाबूजी कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, मैं उस समय राजनीति में नहीं था. राम मंदिर आंदोलन का सिपाही था. जैसे श्री राम के लिए त्रेता युग में भरत जी ने सत्ता का त्याग किया था तो कलयुग में 1992 में श्री राम लला के मंदिर के लिए बाबूजी कल्याण सिंह ने अपनी सरकार त्याग दी थी. 


केशव मौर्य के बयान ने बढ़ाई हलचल


केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, बाबूजी के जीवन काल में हमने उत्तर प्रदेश के 80 सांसदों में से 73 सांसद बनाकर नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाया. पीएम मोदी के नेतृत्व में आज अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है और आज हम लोग भगवान राम और बाबूजी कल्याण सिंह की प्रतिमाओं के सामने हैं. आज ये प्रण लेकर जाइए की तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की 80 में से 80 लोकसभा सीटों को जिता करके बाबूजी कल्याण सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि देंगे. 


केशव मौर्य ने इसी दौरान अपनी बात बढ़ाते हुए कहा, "आप दोनों हाथ उठाकर बोलिए जय श्री राम, अरे हरिगढ़ वालों और जोर से बोलिए जय श्री राम..." केशव प्रसाद मौर्य के इस हरिगढ़ शब्द को बोलने के बाद एक बार फिर से अलीगढ़ का नाम बदलने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. 


अलीगढ़ का नाम बदलने की चर्चा तेज


दरअसल, पिछले काफी समय से हिंदूवादी संगठन लगातार अलीगढ़ का नाम बदलने की मांग करते चले आ रहे हैं. अलीगढ़ की जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह ने भी अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ बदलने से संबंधित एक प्रस्ताव करीब एक साल पहले शासन को भी भेजा है, लेकिन उस पर अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है.