UP News: उत्तर प्रदेश में आरक्षण को लेकर एक चिट्ठी वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि यह चिट्ठी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी आदित्यनाथ के विभाग को लिखी है. यह चिट्ठी बीते वर्ष अगस्त महीने की बताई जा रही है. तब केशव प्रसाद मौर्य ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को यह पत्र लिखा था. लेकिन अब यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल है.
डिप्टी सीएम ने अपनी इस चिट्ठी के माध्यम से पूछा था- 'संविदा और आउटसोर्सिंग से भर्तियों में कितना आरक्षण दिया?' उन्होंने यह पत्र लिखकर सरकारी विभागों में संविदा और आउटसोर्सिंग से हुई भर्तियों की रिपोर्ट मांगी थी. डिप्टी सीएम ने अपने चिट्ठी के माध्यम से संविदा और आउटसोर्सिंग में मायावती सरकार के आदेशों का पालन करने के लिए भी कहा था.
दरअसल, साल 2008 में मायावती ने संविदा भर्ती में एससी को 21 फीसदी और ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था. वहीं बीते लोकसभा चुनाव के दौरान आरक्षण के मुद्दे को लेकर बीजेपी को यूपी में बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. पार्टी की इस बार राज्य में 30 से ज्यादा सीट कम हुई है.
डिप्टी सीएम की दो चिट्ठी
केशव प्रसाद मौर्य द्वारा आरक्षण से संबंध जानकारी के संदर्भ में केशव प्रसाद मौर्य की चिट्ठी जो सामने आई है, उसमें पहली चिट्ठी 12 अगस्त 2023 की है. जबकि दूसरी चिट्ठी चार जून 2024 की है. यह चिट्ठी ऐसे वक्त में सामने आई है जब कि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेली ने इसी मुद्दे पर सीएम योगी को एक पत्र बीते दिनों लिखा था.
उस चिट्ठी में अनुप्रिया पटेल ने लिखा था कि प्रदेश सरकार की साक्षात्कार वाली नियुक्तियों में ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को यह कहकर छांट दिया जा रहा है कि वह योग्य नहीं है. (not found suitable) कहकर नियुक्ति से रोक दिया जा रहा है और बाद में इस पद को अनारक्षित घोषित कर दिया जाता है.