Caste Census: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बीते कुछ दिनों से बीजेपी (BJP) के खिलाफ मुखर नजर आ रहे हैं. मैनपुरी (Mainpuri) जीत के बाद से उनका अंदाज भी बदला हुआ है. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसी मांग भी बीजेपी के सामने रख दी है कि यूपी में राजनीति में नई हलचल पैदा हो सकती है. वहीं सपा प्रमुख की मांग को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) का समर्थन मिलते नजर आ रहा है.
केशव प्रसाद मौर्य ने अपने ताजा बयान में जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन किया है. डिप्टी सीएम ने कहा है, "जातिगत जनगणना होनी चाहिए. मैं जातिगत जनगणना का समर्थन करता हूं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है." हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब डिप्टी सीएम ने जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन किया हो. इससे एबीपी न्यूज के शो प्रेस कॉफ्रेंस में भी उन्होंने ऐसा ही एक बयान दिया था.
पहले भी दिया था ये बयान
तब डिप्टी सीएम ने कहा था, "मेरा सवाल उन लोगों से है. लेकिन हम इसके समर्थन में हैं, उसके विरोध में नहीं हैं. मैं जातिगत जनगणना के विरोध में नहीं हूं, बल्कि समर्थन में ही हूं. ये होनी चाहिए, इसमें कोई गलत नहीं है. उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि 2004 से 2014 तक ये सत्ता में थे. इनके ही समर्थन से केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब ये जातिगत जनगणना भूल गए थे."
हालांकि अब डिप्टी सीएम का ये बयान ऐसा वक्त में आया है, जब अखिलेश यादव जातिगत जनगणना की मांग को लेकर गांव-गांव जाने की बात कह रहे हैं. बीते दिनों ही उन्होंने कहा था, "जाति जनगणना कोई आज की मांग नहीं है. अंग्रेजों ने किसी जमाने में इस पर समझौता किया और संविधान के अधिकार तभी मिल सकते हैं जब जाति जनगणना सही पता होगा. समाजवादियों का मानना है कि जाति जनगणना होनी चाहिए, हमारी सरकार जैसे ही बनेगी हम जाति जनगणना कराएंगे."