प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली में हुई हिंसा के बावजूद संगमनगरी प्रयागराज में पिछले डेढ़ महीने से धरने पर बैठीं महिलाएं अपना आंदोलन खत्म करने के लिए कतई तैयार नहीं हैं।  प्रयागराज की बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाएं 12 जनवरी से शहर के रोशन बाग इलाके के मंसूर पार्क में धरने पर बैठी हुई हैं। गुरुवार को उनके धरने का 47वां दिन है।


दिल्ली की हिंसा सरकार की जिद का नतीजा: प्रदर्शनकारी महिलाएं


मंसूर पार्क में सैकड़ों की संख्या में धरने पर बैठीं इन महिलाओं का साफ तौर पर कहना है कि दिल्ली की घटना के लिए केंद्र सरकार की जिद और दिल्ली पुलिस की लापरवाही जिम्मेदार है। सरकार को इस हिंसा से सबक लेते हुए अपनी ज़िद छोड़कर CAA को वापस ले लेना चाहिए। प्रयागराज की मुस्लिम महिलाओं के मुताबिक, दिल्ली की घटना के बावजूद वह अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगी और इसी तरह धरने को जारी रखेंगी।



मंसूर पार्क की मुस्लिम महिलाओं का धरना दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज पर चल रहा है। हालांकि यहां के धरने से न तो ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है और न ही आम नागरिकों को कोई दिक्कत हो रही है, क्योंकि महिलाओं ने खुद को पार्क तक सीमित कर रखा है। प्रशासन ने कई बार पार्क को खाली कराने और महिलाओं के धरने को खत्म कराने की कोशिश की है, लेकिन ज़्यादा भीड़ उमड़ने की वजह से वो पार्क को खाली कराने में कामयाब नहीं हो सके। तमाम विपक्षी पार्टियों और संगठनों ने भी इस धरने को अपना समर्थन दे रखा है। इनके पदाधिकारी इस धरने में शामिल भी होते हैं। धरने पर बैठी बुर्कानशीं मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि CAA और प्रस्तावित NRC के पूरी तरह वापस होने तक वह लोग अपना आंदोलन जारी रखेंगी।



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