बरेली. स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना मरीजों की सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं. मरीजों की जान बचाने के लिए ये लोग खुद की जान की भी परवाह नहीं कर रहे हैं. बरेली के कोविड अस्पताल की एक नर्स भी कुछ ऐसा कर मिसाल पेश कर रही है.
नर्स रीता सचान 6 महीने की प्रेग्नेंट हैं. इसके बावजूद वो कोविड मरीजों के सेवा में लगी रही. इस दौरान जब वो खुद कोरोना पॉजिटिव हुई तब भी उन्होंने काम करना नहीं छोड़ा. अब वो हॉस्टल में रहकर हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली सभी कॉल्स को रिसीव कर रही हैं.
कोविड अस्पताल में नर्स हैं रीता सचान
रीता सचान 300 बेड के सरकारी कोविड अस्पताल में तैनात हैं. कोविड मरीजों के बीच ड्यूटी के दौरान उन्हें 8 मई को बुखार आया था. उन्होंने जांच कराई तो कोरोना पॉजिटिव निकली. जिसके बाद वो हॉस्टल में ही आइसोलेट हो गई और अपने पति के साथ रह रही हैं. उन्हें प्रेग्नेंट होने की वजह से कोविड हेल्प डेस्क पर लगा दिया गया है जहां पर मरीजों के तीमारदारों को वो अटेंड करती हैं और हेल्पलाइन नंबर पर आने वाले फोन भी अटेंड करती हैं. हेल्पडेस्क से पहले वो कोविड मरीजों का इलाज करती थी, लेकिन जब प्रेगनेंसी की वजह से उन्हें चलने फिरने में थोड़ी दिक्कत हुई तो उन्हें कोविड हेल्पडेस्क की जिम्मेदारी दी दी गई.
वो कहती हैं, "कोविड मरीज के साथ कोई भी तीमारदार नही रह सकता. ऐसे में मरीज को अच्छे से ट्रीटमेंट देना हमारी जिम्मेदारी बनती है. हम सभी मरीजों को अपने परिवार का सदस्य मानकर उनकी सेवा करते हैं. जब से मुझे कोरोना हुआ है तब से हेल्पलाइन का नंबर मेरे पास ही है. दिनभर में 30-35 कॉल आ जाती हैं. हम सभी तीमारदारों को मरीजों की जानकारी देते हैं.
अधिकारी भी करते हैं तारीफ
वहीं कोविड चिकित्सालय के सीएमएस डॉ वागीश वैश्य रीता की तारीफ करते नहीं थकते. वो बताते हैं, "रीता सचान बहुत ही मेहनती हैं और उन्हें हमने कोविड हेल्पडेस्क पर लगा रखा है. इसके अलावा हमारे हॉस्पिटल की और भी नर्स बहुत अच्छा काम कर रही हैं." उन्होंने रीता को नर्स डे की शुभकामनाएं भी दी और फोन करके उनका हालचाल जाना.
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