(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
आदेश के बावजूद महिला को जबरन नारी निकेतन में कैद रखने पर हाईकोर्ट नाराज़, एसपी से मांगा व्यक्तिगत हलफनामा
इलाहाबाद हाईकोर्ट से आदेश के बाद भी बलिया जिले की गोल्डी कुमारी को पुलिस की ओर से जबरन नारी निकेतन में कैद रखा था. जिसपर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. इस सम्बंध में मऊ जिले के एसपी को नोटिस जारी कर उनसे व्यक्तिगत तौर पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है.
प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खुली अदालत में सुनवाई के दौरान पति के साथ जाने की छूट का जारी करने के बावजूद बलिया जिले की गोल्डी कुमारी को पुलिस की ओर से जबरन नारी निकेतन में कैद रखने पर गहरी नाराज़गी जताते हुए मऊ जिले के एसपी को नोटिस जारी कर उनसे व्यक्तिगत तौर पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. अदालत इस मामले में बुधवार को फिर सुनवाई करेगी. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि अगर एसपी का व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल नहीं हुआ तो उन्हें व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में पेश होना पड़ेगा.
कोर्ट में पेशी के लिए लायी गई गोल्डी कुमारी को पुलिस ने कोर्ट आदेश की प्रति न मिलने के कारण याची को उसकी मर्जी से पति के साथ जाने देने के बजाय नारी निकेतन, मऊ में रहने को मजबूर कर दिया. कोर्ट ने पुलिस की मौजूदगी में याची की अवैध निरूद्धि से मुक्त कर उसकी इच्छा से पति के साथ जाने की छूट दे दी थी. आदेश अपलोड नहीं हो सका तो पुलिस ने कोर्ट आदेश की अनदेखी कर अवहेलना कर दी.
इस अवैध निरूद्धि के खिलाफ याची ने फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो पुलिस को गलती का अहसास हुआ और याची को तुरंत उसके पति के घर बलिया पहुंचाया गया और महिला पुलिस कांस्टेबल अनीता को निलंबित कर जांच बैठाने की सूचना कोर्ट को दी गयी. कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है और एस पी मऊ को अवैध निरूद्धि के घटनाक्रम के व्योरे के साथ 9 सितंबर को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि हलफनामा दाखिल नहीं करते तो वह स्वयं कोर्ट में हाजिर हो. केस की अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने गोल्डी व सूरज की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता आनंद कुमार पांडेय ने बहस की. याचीगण की याचिका पर कोर्ट ने याची गोल्डी को पेश करने का निर्देश दिया. पुलिस लाइन मऊ की कांसटेबल अनीता गोल्डी को लेकर कोर्ट में आयी. कोर्ट ने लडकी का बयान दर्ज किया. बालिग होने के नाते कोर्ट ने लडकी याची को अपनी मर्जी से पति के साथ जाने की छूट दी. खुली अदालत में फैसला सुना दिया गया.
आदेश अपलोड नहीं किया जा सका तो पुलिस ने याची को बुलाया और नारी निकेतन मऊ मे रहने को मजबूर किया. कहा आदेश मिलने पर वह जा सकेगी. इस पर कोर्ट मे अर्जी दी गयी और कोर्ट से अवैध निरूद्धि के खिलाफ गुहार लगाई गई. अर्जी की सुनवाई से पहले ही शासकीय अधिवक्ता ने कार्यवाई कर कोर्ट को जानकारी दी. जिस पर कोर्ट ने एस पी से हलफ़नामा मांगा है.
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