कानपुर, एजेंसी. कानपुर जिले में अगवा किए गए एक युवक की रिहाई के लिए पुलिस की मौजूदगी में पीड़ित परिवार द्वारा 30 लाख रुपए चुकाए जाने की खबरों के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मंगलवार को इस मामले की जांच के आदेश दे दिए.


एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा "मैंने मीडिया की उस खबर का संज्ञान लिया है, जिसमें एक परिवार द्वारा 30 लाख रुपये की फिरौती दिए जाने का मामला सामने आया है. मैं पीड़ित परिवार से बात कर रहा हूं. अगर किसी ने कोई गलती की है तो उसे सजा मिलेगी. हम अपहृत व्यक्ति का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. अगर फिरौती की रकम चुकाई गई है तो उसे भी बरामद किया जाएगा. ''


मीडिया की एक खबर में कहा गया है कि 22 जून को एस. यादव नामक एक लैब टेक्नीशियन का अपहरण कर लिया गया था. उसकी रिहाई के लिए 30 लाख रुपये फिरौती मांगी गई थी. इस सिलसिले में बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था.


ये था पूरा मामला
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिसकर्मियों के जोर देने पर उन्होंने फिरौती के लिए 30 लाख रुपए की रकम इकट्ठा की और उनके कहने पर सोमवार को उसे रेल की पटरी पर फेंक दिया. मगर अपहरणकर्ता उस रकम को ले गए और यादव को छोड़ा भी नहीं. पीड़ित परिवार मंगलवार को एसएसपी के दफ्तर पहुंचा और कुछ पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाए.


हालांकि, अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिण अपर्णा गुप्ता ने कहा कि परिवार द्वारा लगाए जा रहे आरोप गलत हैं और पुलिस अगवा किए गए व्यक्ति की तलाश कर रही है.


अखिलेश यादव ने साधा निशाना
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा "कानपुर में अपहरण की घटना के बाद बेबस और मजबूर परिजनों द्वारा सूचित करने के बावजूद पुलिस के सामने से फिरौती की रकम ले जाने वालों के ऊपर आखिर किसका हाथ है कि उन्हें पुलिस का भी डर नहीं है. लगता है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की नैतिकता का ही अपहरण हो गया है."


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