कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में मछली पकड़े जाने को लेकर रोक के बावजूद मछली माफिया लगातार शिकार कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने एक जून से लेकर 30 अगस्त तक मछली को पकड़ने, उनको मारने या उनके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ करने पर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इन सब के बावजूद गंगा बैराज में धड़ल्ले से मछलियों को पकड़ा जा रहा है. हैरानी तो इस बात की है कि ये सब तब हो रहा है जब गंगा बैराज पर 24 घंटे पुलिस ड्यूटी पर तैनात रहती है. 


जारी है मछलियों का शिकार 
जून से लेकर सितंबर तक मछिलयों की प्रजनन क्रिया से लेकर बच्चों को जन्म देने की प्रक्रिया चलती है. ऐसे में शिकार करने से नदियों में मछलियों के जीवन संकट में पड़ जाता है. पिछले कुछ सालों से नदियों में मछलियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है, जिससे नदियों में प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है. गंगा में प्रदूषण बढ़ने को लेकर एक सर्वे भी किया गया था, जिसमे रिपोर्ट आई थी कि मछलियों के शिकार के चलते गंगा में प्रदूषण बढ़ा है. इसके बाद से गंगा में मछलियों के शिकार पर रोक लगी हुई है. रोक के बाबजूद गंगा में मछलियों का शिकार जारी है. 


पूरी तरह से प्रतिबंधित है मछलियों का शिकार 
गंगा बैराज में मछलियों का शिकार पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसके बाद भी साल भर मछलियों का शिकार बदस्तूर जारी रहता है. मछली माफियाओं का तंत्र इतना मजबूत है कि तमाम कोशिशों के बाद भी इन पर आज तक कोई रोक नहीं लग पाई है. क्षेत्रीय थाने से लेकर हर स्तर पर इनकी अपनी पैठ है. इसके चलते गंगा बैराज हो या गंगा का कोई भी किनारा मछलियों का शिकार लगातार साल भर बिना किसी रुकावट के जारी रहता है.


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