उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जीरो टॉलरेंस और आम जनता से बेहतर आचरण करने का निर्देश और सख्त आदेश दे रखा है लेकिन बस्ती के कृषि विभाग में पिछले 8 साल से तैनात एक बाबू पर ये सारी बाते बेईमानी साबित हो रही है. ये बाबू सवाल पूछने पर भड़क जाता है और अभद्र व्यवहार करने लगता है. इसके खिलाफ बीजेपी के विधायक संजय जायसवाल ने कई बार पत्र भी लिखा और दो बार विधानसभा में सवाल भी लगाया है, जिस पर विभागीय जांच भी चल रही है.
शासन ने लिपिक संकट हरण पांडे का स्थानांतरण जुलाई 2021 में बलरामपुर जनपद के लिए कर दिया लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी ये बाबू अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं, जिसकी शिकायत पर कुछ पत्रकारों ने उप कृषि निदेशक कार्यालय में जाकर हकीकत जाननी चाही तो देखा कि ट्रांसफर होने बाद भी ये बाबू कार्यालय में अपने पटल पर बैठकर कार्य कर रहा है. इतना ही नहीं, बाबू संकट हरण पांडे ने प्रधानमंत्री किसान योजना में लाखों का भुगतान भी कर दिया है. जब इस बाबू से पत्रकारों ने सवाल पूछ लिया कि ट्रांसफर होने के बाद भी आप कैसे कार्य कर रहे हैं तो वो आग बबूला हो गया और भद्दी गालियां देने लगा. इतना ही नहीं, मीडियाकर्मियों के साथ भी इस बाबू ने अभद्र व्यवहार किया. इस बाबू की पूरी करतूत वीडियो में कैद हो गई.
मंडल आयुक्त ने डिप्टी डायरेक्टर को लगाई फटकार
जैसे ही बस्ती मंडल के आयुक्त गोविंद राजू एनएस को इसकी सूचना मिली और उन्होंने पूरा वीडियो देखा तो तत्काल उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर कृषि राम वचन को फटकार लगाते हुए गुंडई और अभद्र व्यवहार करने वाले लिपिक संकट हरण पांडे के खिलाफ कार्रवाई करने और कार्यमुक्त करने का आदेश दिया. इसके बाद डीडी कृषि को अपनी नौकरी का डर सताने लगा और उन्होंने आनन फानन में लिपिक संकट हरण को कार्यमुक्त करने हुए पत्र जारी किया. इससे पहले डीडी कृषि एक माह से लिपिक संकट हरण को खुद संरक्षण देते रहे मगर कमिश्नर के सख्त होते ही 15 मिनट के अंदर उसे कार्यमुक्त कर दिया गया.
कई बार सवाल उठा चुके हैं बीजेपी विधायक
बहरहाल इस लिपिक संकट हरण पांडे के खिलाफ बीजेपी विधायक संजय जायसवाल ने प्रधानमंत्री किसान योजना में भारी अनियमितता को लेकर फरवरी में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और विधानसभा में सवाल भी लगाया. जिस पर विभाग की एक कमेटी जांच कर रही है. 18 अगस्त को एक बार फिर विधायक संजय ने सीएम को स्थानांतरण के बाद भी पद पर बने रहने और किसान योजना में भुगतान करने को लेकर सीएम को पत्र लिखा और विधानसभा में सवाल भी लगाया है. 25 अगस्त को कृषि निदेशक ने कार्यमुक्त करने को लेकर फिर एक कड़ा पत्र लिखा. इतना कुछ होने के बाद भी एक बाबू पूरी सरकार पर भारी पड़ गया है.
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