Dev Dipawali 2024: काशी का देव दीपावली आयोजन अब जनपद को आर्थिक गति प्रदान करने के साथ-साथ प्राचीन विरासत को भी एक नई ऊंचाई प्रदान करता नजर आ रहा है.15 नवंबर को आयोजित काशी में भव्य देव दीपावली को देखने के लिए लाखों की संख्या में देश-विदेश के पर्यटक वाराणसी आए. इस दौरान बनारस की विरासत के रूप में पहचाने जाने वाले गुलाबी मीनाकारी पर बने ज्वेलरी, गिफ्ट आइटम और अलग-अलग मॉडल की खूब डिमांड रही.
कलाकारों का कहना है कि इस बार पिछले सभी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए गुलाबी मीनाकारी से बने मॉडल की रिकॉर्ड खरीदारी हुई है. सिर्फ देव दीपावली पर अलग-अलग ज्वेलरी, श्री राम मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, गणेश जी, पशु पक्षी आकृति, गिफ्ट आइटम, साज़ सजावट के कुल सामानों कि खरीदारी एक करोड़ से अधिक रुपए की हुई है. अभी भी कई ऑर्डर को पूरा किया जा रहा है.
सबसे ज्यादा बप्पा की रही डिमांड
बीते दशकों से बनारस में गुलाबी मीनाकारी क्षेत्र में कार्य कर रहे कुंज बिहारी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत की. उन्होंने बताया कि इस वर्ष काशी की देव दीपावली गुलाबी मीनाकारी क्षेत्र के लिए एक अलग ही गति प्रदान करने वाली रही. देश-विदेश से आए पर्यटकों द्वारा बनारस में गुलाबी मीनाकारी से तैयार होने वाले अलग-अलग ज्वेलरी, गिफ्ट आइटम, साज सजावट के समान, भगवान और मंदिर से जुड़े मॉडल की खूब डिमांड रही. श्रद्धालुओं ने गुलाबी मीनाकारी से तैयार हुए भगवान श्री गणेश की मूर्ति को खूब खरीदा.
अभी लोगों के ऑर्डर को पूरा किया जा रहा है. जिसमें भगवान गणेश की मूर्ति और काशी विश्वनाथ जी का मंदिर शामिल है.अलग-अलग आइटम के दाम 5,000 से शुरू हो तक 5 लाख रुपए तक निर्धारित हैं. हमारे यहां कार्य कर रहे कारीगरों ने अभी तक जानकारी में बताया है कि सिर्फ इस बार देव दीपावली पर अलग-अलग मॉडल को मिला दें तो कुल 1 करोड़ से अधिक की खरीदारी हो चुकी है. यह हमारे व्यापार को गति प्रदान करने वाली होगी.
लाखों की संख्या में काशी पहुंचे पर्यटक
15 नवंबर को भगवान शिव की नगरी काशी में भव्य रूप में देव दीपावली मनाया गया. देर शाम होते ही काशी के सभी घाट दियों से जगमग हो उठे. लेजर शो, आतिशबाजी, सांस्कृतिक कार्यक्रम अलग-अलग घाट पर आयोजित किए गए. इस दौरान देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित कई वीआईपी शहर में थे. ऐसे में देव दीपावली पर्व काशी के विरासत को नई ऊंचाई देने के साथ-साथ आर्थिक गति प्रदान करने वाला रहा.
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