हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आज हर की पौड़ी स्थित पौराणिक ब्रह्मकुंड में पिथौरागढ़ और टिहरी जिले से लाई गईं देव डोलियों को कुम्भ पर्व के मद्देनजर मां गंगा में स्नान कराया गया. इससे पूर्व यह देव डोलियां ईश्वर महादेव मंदिर, जागेश्वर मंदिर से अल्मोड़ा, हल्द्वानी, दिनेशपुर, बाजपुर, रुद्रपुर, यमुनोत्री धाम आदि तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हुए हरिद्वार पहुंची थीं. और हरिद्वार पहुंचकर राधा कृष्ण आश्रम शांतिकुंज से भजन एवं देव ध्वनि रणसिंघा ढोल के साथ देव डोली नृत्य यात्रा की शुरुआत की गई. इस दौरान देव डोली यात्रा में उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से आए श्रद्धालुओं के द्वारा स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक भी किया गया. नगर भ्रमण के दौरान इस देव डोली नृत्य यात्रा का हरिद्वार में जगह जगह साधु संतों ने भव्य स्वागत भी किया.
देव डोलियों को स्नान कराने पहुंचे श्रद्धालु
देव डोलियों के साथ हरिद्वार मां गंगा में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि यह मां भगवती की डोली है और मां कंडयाल गांव में कंडयाल देवी पर्वत पर विराजमान हैं. समस्त गढ़वाल और कुमाऊं मंडल से भारी संख्या में लोग देव डोलियों के साथ हरिद्वार पहुंचे हैं. मां भगवती और गढ़वाल कुमाऊं के देवी देवताओं को मान्यता के अनुसार मां गंगा, यमुना में स्नान कराया जाता है. कुम्भ पर्व पर स्नान कराने का विशेष महत्व होता है. यहां स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं. यहां हमे स्नान कर काफी अच्छा लग रहा है.
गंगा स्नान का विशेष महत्व
उत्तराखंड के विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर हरिद्वार पहुंची देव डोलियों को कुम्भ स्नान कराया गया. कुम्भ के दौरान देव डोलियों के स्नान का महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है. यही वजह है कि भजन कीर्तन नगर भ्रमण करते हुए ढोल नगाड़ों के साथ उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु भारी सांख्य में देव डोलियों के साथ मां गंगा में स्नान करने हरिद्वार हर की पौडी पहुंचते हैं.
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