पीएफआई पर बोले देवबंदी उलेमा, किसी निर्दोष को न मिले सजा
नागरिकता कानून को लेकर देवबंदी उलेमा इसहाक गौरा का कहना है कि यह बेहद चिंता का विषय है। उनका कहना है कि पहले हमें इस संगठन की कार्यप्रणाली को समजना चाहिये
सहारनपुर, एबीपी गंगा। सहारनपुर देवबंदी उलेमाओं ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) संगठन को लेकर पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई पर चिंता जाहिर की है। देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गौरा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के बाद पीएफआई सुर्खियों में आया है और यूपी पुलिस जल्दबाजी में कार्रवाई कर रही है। देवबंदी उलेमा ने पीएफआई पर प्रतिक्रिया देते हुये ये बातें कहीं। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हुए और पुलिस को भी शांति व्यवस्था बनाने में तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। जांच-पड़ताल में सामने आया कि हिंसा की साजिश पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) ने रची थी। हिंसा में पीएफआई की संलिप्तता को उत्तर प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया तो एक और नई बहस छिड़ गई ।
देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गौरा ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिंसा के बाद से ही पीएफआई चर्चा में है। हमारे लिए भी ये जरूरी है कि हम इस संगठन और इसकी कार्यप्रणाली को समझें और जानें कि आखिर ऐसा कौन सा खतरा यूपी सरकार को दिख गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को कार्रवाई के दौरान यह ध्यान देना चाहिए कि किसी निर्दोष को इसकी सजा न मिले ।