वाराणसी, एबीपी गंगा। सावन का दूसरा सोमवार है और महादेव की नगरी में आस्था का समंदर देखने को मिला। केसरिया वस्त्रधारी भक्तों ने हाथों में जल का लोटा लिया कतार में लगे और भोलेनाथ का जलाभिषेक कर बोल बम का जयकारा लगाया। सोमवार के दर्शन की खास बातों और अलग अलग रंगों से आपका परिचय कराते हैं। उम्मीद है कि ये रंग आपको भी भक्ति के रंगों से सराबोर कर देगा।


सावन वैसे तो त्रिलोचन का प्रिय महीना बोला जाता है लेकिन सावन का हर सोमवार अपने आप में खास महत्व रखता है इस बार सावन के दूसरे सोमवार को प्रदोष भी लग रहा है। ऐसे में मान्यता है कि बाबा के दर्शन और जलाभिषेक मात्र से संतान आरोग्य और धन की प्राप्ति होती है। काशी दर्शन को आये कांवड़िया भक्त अश्वनी पाण्डेय की माने तो भोले की भक्ति से शांति मिलती है और मनोकामना पूरी होती है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक विनय शास्त्री की माने तो भोले दरबार मे हाजिरी लगाने मात्र से मनोकामना पूरी हो जाती है और यदि सावन माह में सोमवार को प्रदोष पड़ता है तो इस दिन भक्तों को भोलेनाथ के दर्शन का विशेष फल मिलता है।



सावन में भक्तों के आगमन पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम


महादेव की नगरी में हर साल हजारों की संख्या में भक्त सावन में हाजिरी लगाने आते हैं। इस बार भी सावन के दूसरे सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। दोपहर 12 बजे तक 1लाख 52 हजार भक्त बाबा के दरबार में हाजिरी लगा चुके थे। भक्तों के आगमन के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये है सुरक्षा व्यवस्था पर गौर करें तो 7 एडिशनल एसपी,13 सीओ,40 एसआई , 2000 महिला और पुरुष कांस्टेबल, 4 कंपनी पीएसी और आईटीबीपी के जवानों के साथ एनडीआरएफ की टीम भी तैनात की गयी है। इसके साथ ही सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से भी सुरक्षा पर पैनी निगाह रखी जा रही है। एडीजी जोन ,एसएसपी और डीएम हेलीकाप्टर से सुरक्षा व्यवस्था की चौकसी का जायजा ले रहे हैं।


कांवड़िया भक्तों पर पुष्प वर्षा


वाराणसी में आने वाले भक्तों का प्रशासन ने भव्य स्वागत किया। हेलीकाप्टर से कांवड़िया भक्तों के ऊपर पुष्पवर्षा की गयी जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने आसमान से फूल बरसाकर कांवड़िया भक्तों का स्वागत किया।


भक्तों के घाव भरता खाकीधारी


दर्शन-पूजन, जलाभिषेक और कड़ी सुरक्षा के बीच खाकी का एक मददगार चेहरा दिखाई दिया। रोडवेज चौकी पर तैनात सिपाही शिवकांत मिश्र ने दर्शन के लिये आये भक्तों के दर्द को हरने का काम किया। शिवकांत ने भीड़ में दर्द से कराह रहे लोगों की मदद की तो वहीं बुजुर्गों को सुलभता से दर्शन कराए। शिवकांत मिश्र ने इस पूरी मदद को पुण्य प्राप्त करने का साधन बताया।



मुस्लिम बंधुओं ने कांवड़िया भक्तों के पांव पखारे


दूसरे सोमवार को दर्शन पूजन और भक्ति भरे माहौल के बीच साम्प्रदायिक एकता और सौहार्द की अलग तस्वीर देखने को मिली मुस्लिम बंधुओ ने कांवड़िया भक्तों के पांव पखारे और साम्प्रदयिक एकता का संदेश दिया। पांव पखारने वाले मोहम्मद आसिफ की माने तो काशी साम्प्रदायिक सौहार्द की नगरी है और यहां ऐसे ही सब मिलजुलकर रहते हैं।