अयोध्या. भगवान श्री रामलला के मंदिर में श्रद्धालु अभी भी प्रसाद नहीं चढ़ा पा रहे हैं. दरअसल, दूर-दराज से अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को रामलला के दरबार में प्रसाद ले जाने की अनुमति नहीं है. श्रद्धालु रामलला का प्रसाद ना तो चढ़ा पाते हैं और ना ही यहां से ले जा पाते हैं. वजह साफ है क्योंकि रामलला के दरबार में अभी प्रसाद चढ़ाने की अनुमति नहीं है. पूर्व में सुरक्षा कारणों से पारदर्शी थैली में मिश्री और इलायची दाना ले जाने की अनुमति थी, लेकिन कोरोना काल के वजह से पिछले साल से रामलला को लगाया जाने वाला प्रसाद भी बंद कर दिया गया.


साल 2000 के बाद लगी रोक
रामलला को प्रसाद चढ़ाए जाने का क्रम 1992 से सन 2000 तक नियमित चल रहा था. रामलला के दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु रामलला के दरबार में अपनी श्रद्धा अनुसार प्रसाद भी चढ़ा रहे थे, लेकिन साल 2000 के बाद रामलला के दरबार में सुरक्षा कारणों से किसी भी तरीके के प्रसाद या वस्तु को ले जाने पर पाबंदी लगा दी गई. केवल पारदर्शी थैले में ही इलायची दाना और मिश्री ही ले जाने की अनुमति थी, लेकिन इलायची दाना और मिश्री भी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया.


ट्रस्ट और प्रशासन से मांग
अयोध्या के पक्षकार और संत तथा श्रद्धालु सभी रामलला के दरबार में प्रसाद चढ़ाए जाने के लिए ट्रस्ट और प्रशासन से मांग कर रहे हैं. दूर से अयोध्या पहुंचे श्रद्धालु अपने आराध्य के दरबार में खाली हाथ जाते हैं तो घर पर भी रामलला का प्रसाद नहीं ले जा पाते. इस बात का मलाल श्रद्धालुओं से लेकर संतों तक सभी को है. सभी ने एक सुर में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से निवेदन किया है कि रामलला के दरबार में प्रसाद तथा फूल, माला चढ़ाने के लिए अब अनुमति दे दी जाए क्योंकि विवाद खत्म हो चुका है और ट्रस्ट के हाथों में ही रामलला के मंदिर का संचालन है.


क्या बोले प्रधान पुजारी
रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि पूर्व में रामलला के दरबार में सभी तरीके के प्रसाद चढ़ाए जाते थे. सन 2000 से किसी भी तरीके के समान को रामलला के परिसर में ले जाए जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी. 2000 से 2019 कोरोना काल तक पारदर्शी थैले में मिश्री और इलायची दाना भगवान को श्रद्धालु चढ़ा रहे थे, लेकिन कोरोना काल पर उस पर भी रोक लगा दी गई. अब रामलला के परिसर में जो भी लोग पहुंचते हैं वह खाली हाथ दर्शन करते हैं और उन्हें खाली हाथ ही वापस कर दिया जाता है.


इकबाल अंसारी ने जताया दुख
मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी रामलला के परिसर में श्रद्धालुओं को प्रसाद ना चढ़ाए जाने पर दुख व्यक्त करते हुए शासन और प्रशासन तथा ट्रस्ट से मांग की है. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को रामलला के परिसर में प्रसाद चढ़ाने की अनुमति दे दी जाए जिससे श्रद्धालु अपने आराध्य को प्रसाद चढ़ा भी सके और अपने घर प्रसाद ले भी जा सके.


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