Makar Sankranti 2022: देशभर में कोरोना की तीसरी लहर के बीच आज मकर संक्रांति का त्योहार साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर वाराणसी में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई.  सुबह तड़के से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु वाराणसी के घाटों पर पहुंचने लगे और उन्होंने गंगा स्नान किया. 


वाराणसी में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था डुबकी


इस बार मकर संक्रांति का त्योहार कोरोना के साये में मनाया जा रहा है ऐसे में यूपी सरकार ने कोविड गाइडलाइंस जारी की हुई हैं. वाराणसी में तड़के से ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया और उन्होंने यहां पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाई. इस दौरान कई जगह कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ते हुए भी दिखाई दी, घाटों पर लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग काफी कम देखी गई. जिससे लोग खुलेआम कोरोना को न्योता देते दिखाई दिए. श्रद्धालुओं के आगे प्रशासन की तैयारियां कम ही दिखाई दीं. 


प्रशासन ने जारी की है कोविड गाइडलाइंस


प्रशासन की तरफ से मकर संक्रांति के लिए कई गाइडलाइंस जारी की गई थी. इसके तहत यहां आने वाले श्रद्धालुओं को दोनों वैक्सीन होना जरुरी हैं. इसके साथ ही उनके पास 48 घंटों पहले की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए. ये रिपोर्ट उन्हें साथ लाने के लिए कहा गया हैं. मकर संक्रांति पर भारी संख्या में लोग यहां स्नान के लिए पहुंचते हैं. जिसके देखते हुए इन गाइडलाइसं को जारी किया गया है. हालांकि हरिद्वार और ऋषिकेश में प्रशासन ने कोरोना के खतरे को देखते हुए मकर संक्रांति के स्नान पर रोक लगा दी हैं. जिसकी वजह से आज यहां के घाट खाली नजर आ रहे हैं. 


मकर संक्रांति पर स्नान को माना गया है शुभ


 मकर संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान और दान करना शुभ माना गया है. इस दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन से ही ऋतु में परिवर्तन आरंभ हो जाता है. मकर संक्रांति से सर्दी में कमी होने लगती हैं और बसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है. 


ये भी पढ़ें-


Makar Sankranti 2022: जानिए मकर संक्रांति पर स्नान दान और पूजा का समय क्या है? मुहूर्त को लेकर क्या है ज्योतिषियों का कहना


UP Election: एबीपी गंगा से बोले स्वतंत्र देव सिंह- सहयोगियों के साथ सीट शेयरिंग की बात फाइनल, एक-दो दिन में एलान