उत्तराखंड में जनवरी में हो सकते हैं चुनाव, तैयारियों में लगी धामी सरकार, 25 दिसंबर तक जारी हो सकती है अधिसूचना
Uttarakhand News: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारी अपने अंतिम चरण में है. ऐसे में निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण की नई नियमावली को धामी सरकार से स्वीकृति मिल गई है.
Municipal elections in Uttarakhand: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण की नई नियमावली को मंजूरी दे दी गई है. इसके तहत राज्य के सभी 102 नगर निकायों में अब ओबीसी आरक्षण का रोस्टर इसी नियमावली के आधार पर तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को देर रात इस नियमावली को स्वीकृति प्रदान की. इसके साथ ही चुनाव प्रक्रिया तेज हो गई है और जनवरी 2025 में चुनाव होने की संभावना है.
उत्तराखंड (नगर पालिका, नगर पंचायत स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली 2025 और उत्तराखंड नगर निगम (स्थानों और पदों का आरक्षण और आवंटन) नियमावली 2024 को मंजूरी मिलने के बाद, शहरी विकास निदेशालय को प्रस्ताव तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है. इसके तहत नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायतों के मेयर, अध्यक्ष, और पार्षदों के पदों के आरक्षण का निर्धारण होगा.
शहरी विकास निदेशालय द्वारा प्रस्ताव तैयार कर इसे जिलों को भेजा जाएगा
2018 तक नगर निकायों में 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू था. हालांकि, इस बार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के अनुसार आरक्षण को लागू किया जाएगा. यह पहली बार है जब निकायों में ओबीसी आरक्षण, संबंधित क्षेत्र की ओबीसी आबादी के अनुपात में तय किया जाएगा. शहरी विकास निदेशालय द्वारा प्रस्ताव तैयार कर इसे जिलों को भेजा जाएगा. जिलाधिकारी आरक्षण लागू करते हुए अधिसूचना जारी करेंगे और जनता से सुझाव व आपत्तियां मांगी जाएंगी. इन आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद अंतिम प्रस्ताव शहरी विकास निदेशालय को भेजा जाएगा, जो राज्य निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत करेगा. आयोग इस आधार पर चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा.
25 दिसंबर तक चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है
राज्य में नगर निकाय चुनाव की तैयारी अपने अंतिम चरण में है. सूत्रों के अनुसार, 25 दिसंबर तक चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है. शहरी विकास विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आरक्षण प्रक्रिया समय पर पूरी हो, ताकि जनवरी 2024 तक चुनाव आयोजित किए जा सकें. उत्तराखंड में कुल 102 नगर निकाय हैं, जिनमें 8 नगर निगम, 42 नगर पालिकाएं, और 52 नगर पंचायतें शामिल हैं. इन निकायों के लिए मेयर, अध्यक्ष, और पार्षदों के पदों पर चुनाव होंगे. नई नियमावली के लागू होने से आरक्षण का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा, जिससे जनप्रतिनिधियों के चयन में क्षेत्रीय जनसंख्या का सही प्रतिबिंब दिखेगा.
निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां करी शुरू
निकाय चुनावों की घोषणा के नजदीक आते ही राजनीतिक दलों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस दोनों ही इस चुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक महत्वपूर्ण परीक्षा के रूप में देख रहे हैं. प्रदेश में 20 जनवरी तक निकाय चुनाव संपन्न होने की संभावना है. इससे पहले सभी प्रक्रियाएं, जैसे आरक्षण सूची का प्रकाशन, नामांकन प्रक्रिया, और चुनाव प्रचार संपन्न होंगे. नई नियमावली और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप ओबीसी आरक्षण के लागू होने से यह चुनाव पहले की तुलना में अधिक पारदर्शी और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुकूल माने जा रहे हैं. जनप्रतिनिधित्व में संतुलन सुनिश्चित करने के लिए यह कदम ऐतिहासिक साबित हो सकता है.
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