आयुष्मान कार्ड पर धामी सरकार का बड़ा फैसला, उत्तराखंड में अब नहीं कर पाएंगे ये काम
Uttarakhand News: बाहरी राज्यों से आने वाले लोग फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के माध्यम से उत्तराखंड में आयुष्मान कार्ड बनवा रहे हैं. इन कार्डों से राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ रही है.
Fake ayushman card News: उत्तराखंड में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत फर्जी कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज करवाने वालों पर सरकार ने सख्ती बरतने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देश दिए हैं कि फर्जी कार्डधारकों का सत्यापन सुनिश्चित किया जाए. इसके साथ ही अब आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आधार कार्ड के साथ राशन कार्ड भी अनिवार्य कर दिया गया है.
हाल ही में सामने आए मामलों से पता चला है कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोग फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के माध्यम से उत्तराखंड में आयुष्मान कार्ड बनवा रहे हैं. इन कार्डों के सहारे वे राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा ले रहे हैं. एम्स ऋषिकेश, हल्द्वानी के मेडिकल कॉलेज, देहरादून और हरिद्वार के सरकारी अस्पतालों में इस तरह के कई मामले पकड़े गए हैं.
इलाज करवाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा
बताया जा रहा है कि अस्पतालों के आसपास कुछ गिरोह सक्रिय हैं, जो फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर आयुष्मान कार्ड बनवाने में मदद कर रहे हैं. इन गिरोहों का मुख्य उद्देश्य बाहरी राज्यों के मरीजों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा दिलाकर उत्तराखंड सरकार के बजट पर आर्थिक बोझ डालना है. विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों बिजनौर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर से आने वाले लोग इस सुविधा का दुरुपयोग कर रहे हैं. यूपी में आयुष्मान योजना के तहत केवल बीपीएल परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है, जबकि उत्तराखंड में हर परिवार को इसका लाभ दिया जाता है. इस कारण पड़ोसी राज्यों के लोग उत्तराखंड में इलाज करवाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा ले रहे हैं.
गृह विभाग की जांच रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव को तुरंत प्रभाव से सत्यापन प्रक्रिया तेज करने और सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए. इस संबंध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आदेश जारी किए हैं कि आयुष्मान कार्ड के लिए आधार कार्ड के साथ राशन कार्ड अनिवार्य किया जाए. यह कदम फर्जीवाड़ा रोकने में अहम भूमिका निभाएगा. साथ ही, जनसेवा केंद्रों पर छापेमारी की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. इसके तहत उन केंद्रों की जांच की जा रही है, जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की संभावना है.
फर्जी कार्ड ने बढ़ाई राज्य सरकार की मुश्किलें
फर्जी कार्ड के माध्यम से मुफ्त इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने से राज्य सरकार के बजट पर भारी बोझ पड़ रहा है. आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकार प्रत्येक मरीज के इलाज का खर्च वहन करती है. फर्जी मरीजों की बढ़ती संख्या से इस योजना का मूल उद्देश्य प्रभावित हो रहा है, जिससे उत्तराखंड के जरूरतमंद नागरिकों को नुकसान हो सकता है. सरकार ने जनता से अपील की है कि वे इस फर्जीवाड़े को रोकने में मदद करें. जरूरतमंद लोगों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सत्यापन प्रक्रिया को सख्त बनाना जरूरी है. इसके अलावा, जनसेवा केंद्रों और अन्य संबंधित विभागों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाएगा.
अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री धामी द्वारा उठाए गए ये कदम कितने प्रभावी साबित होते हैं. आयुष्मान योजना के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए सरकार को फर्जीवाड़ा रोकने के साथ-साथ जागरूकता फैलाने पर भी ध्यान देना होगा. सही दिशा में किए गए प्रयास योजना के सही लाभार्थियों तक इसका लाभ पहुंचाने में मदद करेंगे. इस तरह की सख्ती न केवल योजना का दुरुपयोग रोकने में मददगार होगी, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि सरकारी धन का इस्तेमाल सही जगह पर हो. आने वाले दिनों में सत्यापन प्रक्रिया और नए नियमों का प्रभाव देखने को मिलेगा.
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