Uttarakhand Election: धनौल्टी विधानसभा के एक दर्जन गांवों ने किया चुनाव का बहिष्कार, जानिए- क्यों वोट नहीं देना चाहते ग्रामीण?
Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड की धनौल्टी विधानसभा सीट के करीब एक दर्जन गांव के लोगों ने इस बार चुनावों को बहिष्कार करने का फैसला लिया है. जानिए क्यों वो इस बार मतदान नहीं करना चाहते?
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Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं और तमाम पार्टी के नेता मतदाताओं को लुभाने में जुट गए हैं. लेकिन इस बार यहां की धनौल्टी विधानसभा सीट पर बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों को विरोध का सामना करना पड़ेगा. यहां की छजुला पट्टी के करीब एक दर्जन गांव के लोगों ने इस बार चुनावों को बहिष्कार करने का फैसला लिया है. इन गांवों में मवाणा, कफोल्टी, जिंसी, नौथा जैसे गांव के नाम शामिल हैं. गांव के लोगों का कहना है कि आजादी के 74 साल बाद भी यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.
विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान
धनोल्टी विधानसभा के छजुला पट्टी के दर्जनों गांवों के लोग आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. गांव में बिजली भी बस दिखाने भर की है. इन बातों को लेकर गांव के लोग काफी नाराज है. जिसके बाद उन्होंने 2022 में किसी भी नेता को वोट नहीं देने का फैसला किया है. उन्होंने साफ कर दिया कि अब अगर यहां पर सड़क नहीं तो वोट भी नहीं दिया जाएगा.
गांववालों ने लगाया झूठे वादों का आरोप
ग्राम पंचायत मवाणा के प्रधान सबल सिंह पवार का कहना है कि चुनाव के समय पर ही नेता दिखाई देते हैं और बड़े बड़े वादे करते हैं परंतु चुनाव जीत जाने के बाद कोई भी नेता उनकी सुध लेने को आता ही नहीं है. रितिक कैन्तुरा नाम के ग्रामीण ने बताया कि सड़क नहीं होने की वजह से यहां का विकास भी नहीं हो पा रहा. गांव के युवा यहां से पलायन कर रहे हैं. अगर यहां सड़क बन जाए तो छोटे-मोटे उद्योग लग सकते हैं. लेकिन किसी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
पीडब्ल्यूडी विभाग ने दी सफाई
इस बारे में जब लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रजनीश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि छजुला पट्टी की सड़क को मसूरी-केम्प्टी-थत्युड मोटर मार्ग पूर्व में जोड़ने की स्वीकृति मिल गई थी. इस पर कुछ काम भी हुआ लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से काम रुक गया था. विभाग ने ठेकेदार को सड़क निर्माण करने के निर्देश दे दिये गए है.
इस मामले पर शुरू हुई सियासत
वहीं इस मामले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता जोत सिंह बिष्ट ने बीजेपी के विधायक प्रीतम सिंह पवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पूरे इलाके का ही विकास नहीं किया है, जबकि आप नेता आमेंन्द्र बिष्ट ने कहा कि धनोल्टी में 68 ऐसी सड़कें हैं जिनका निर्माण नहीं हो पाया है. बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर हैं. इस बार जनता उनके झूठे बहकावे में नहीं आने वाली है.
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