हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में कुम्भ का रंग चढ़ने लगा है. अखाड़ों के शिविर के साथ ही शंकराचार्य नगर में दो पीठों की धर्मध्वजा स्थापित हो गई है. आज चंडी टापू पर पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज की धर्मध्वजा की स्थापना की गई. कुम्भ मेलाधिकारी दीपक रावत के साथ ही कई साधु संतों ने पूरे विधि विधान के साथ भूमि पूजन किया और धर्मध्वजा स्थापित की.


9 अप्रैल को पहुंचेंगे शंकारचार्य निश्चलानंद सरस्वती


इस दौरान निश्चलानंद सरस्वती महाराज के शिष्य प्रफुल्ल चेतन ब्रह्मचारी महाराज ने बताया कि 9 अप्रैल को शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज हरिद्वार पहुंचेंगे. शंकराचार्य नगर में देश विदेश से उनके अनुयायी यहां उनके प्रवचनों को सुनेंगे. इस दौरान राष्ट्र रक्षा के साथ ही संतुलित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का संकल्प भी लिया जाएगा.


कुम्भ मेले में हो रहे निर्माण पर उठे सवाल 


वहीं, हरिद्वार में हो रहे महाकुंभ के कामों की गुणवत्ता को लेकर हाई कोर्ट पहले ही सवाल खड़े कर चुका है. और हाईकोर्ट की टीम में कुंभ के कामों की गुणवत्ता को लेकर निरीक्षण भी किया गया, बावजूद इसके मेला प्रशासन और कार्यदाई संस्था पीडब्ल्यूडी की लापरवाही देखिए कि, कुंभ के लिए तैयार हुए अस्थाई पुल का पिलर धंस गया. हालांकि गनीमत रही कि अभी कुंभ का आयोजन शुरू नहीं हुआ है और पुल पर आवाजाही नाम मात्र के बराबर है.


आनन-फानन में पुल की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि मेला प्रशासन और कार्यदाई संस्था पीडब्ल्यूडी का इस ओर पहले ही ध्यान क्यों नहीं गया? आपको बता दें कि, यह पुल खड़खड़ी श्मशान घाट को चमगादड़ टापू से जोड़ता है, जिस पर कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है. हालांकि पुल को अब ठीक किया जा रहा है लेकिन पिलर अभी भी तिरछा ही है.


ये भी पढ़ें.


यूपी पंचायत चुनाव को लेकर दाखिल याचिका के खिलाफ यूपी सरकार ने कैविएट अर्जी दी