दो साल बाद आयोजित हुआ Allahabad University का दीक्षांत समारोह, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की दो बड़ी घोषणाएं
Allahabad University Convocation: सोमवार को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए.
Allahabad University News: कोविड संक्रमण के चलते दो साल के अंतराल पर सोमवार को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. ऐतिहासिक सीनेट हाल में आयोजित हुए दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल और उपाधियां प्रदान की. इस मौके पर उन्होंने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी को उत्तर भारत का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय बताया और इसकी प्राचीन और गौरवशाली परंपरा पर भी चर्चा की.
उन्होंने इस मौके पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए दो बड़ी घोषणाएं की हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से यूजीसी ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेयर की स्थापना की है, जो कि पांच वर्षों के लिए की गई है. इसमें विभिन्न विषयों के शोध और इकोनामिक डेवलपमेंट और इकोनामिक प्रोग्राम्स के शोध किए जाएंगे, जिससे एक ओर जहां इस शोध से देश और प्रदेश के विकास को मदद मिलेगी. वहीं, छात्र-छात्राओं में भी उत्साह आएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट और प्रोफेसर के पदों पर भर्ती किए जाने पर भी अपनी सहमति प्रदान की. उन्होंने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए पीएचडी की अनिवार्यता भारत सरकार ने खत्म कर दी है. सरकार का मकसद है कि जो मेधावी छात्र हैं वह विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में आकर शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करें. हालांकि, नेट की अनिवार्यता बनी रहेगी.
दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को दी गई उपाधि
दीक्षांत समारोह में 2018-19 और 2019-20 के छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई. इसके साथ ही यूजी, पीजी और पीएचडी के मेधावी छात्र-छात्राओं को मेडल भी प्रदान किए गए. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की पीआरओ डॉक्टर जया कपूर के मुताबिक दीक्षांत समारोह में 550 पीएचडी छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई हैं. इसके साथ ही साथ 263 छात्र छात्राओं को अलग अलग कैटेगरी में मेडल भी प्रदान किये गए. दीक्षांत समारोह में कुल 10 छात्र छात्राओं को चांसलर मेडल दिए गए. इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वविद्यालय में 3 नव निर्मित इमारतों का उदघाटन भी किया, जिनमें 124 सीटों वाला गार्गी महिला छात्रावास, 34 सीटों वाला चंद्रशेखर आज़ाद इंटरनेशनल हॉस्टल व मेजर ध्यानचंद्र स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर शामिल हैं.
दीक्षांत समारोह में चार छात्रों को मिला गोल्ड मेडल
दीक्षांत समारोह में चार छात्रों को चांसलर गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया. BALLB के हिमांशु दुबे, MSC कॉग्निटिव साइंस के शिवनेकर रेवती विजय, BCA की अंशिका मित्तल व MSC बॉटनी की माधवी सिंह को चांसलर मेडल से नवाजा गया है. इसके साथ ही BSC बायो ग्रुप की नेहा मिश्रा, MSC कंप्यूटर साइंस की श्रेया अग्रवाल, बीए की साल्विका उपाध्याय व MSC बायोटेक्नोलॉजी के शशांक मणि त्रिपाठी को चांसलर सिल्वर मेडल दिया गया है. जबकि बीए के कुलभूषण तिवारी, बीटेक के उर्जा श्रीवास्तव को ब्रांज मेडल से नवाजा गया है. दीक्षांत समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्मारिका और न्यूज लेटर का भी विमोचन किया. इस मौके पर यूनिवर्सिटी की ओर से पीआरओ डॉ जया कपूर ने अभिनंदन पत्र पढ़ा और कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने केंद्रीय मंत्री को अभिनंदन पत्र देकर व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस मौके पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पुरा छात्र और महिला हॉकी टीम के कोच पीयूष दुबे को भी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंच पर सम्मानित किया. दीक्षांत समारोह में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चांसलर आशीष चौहान और उनकी पत्नी सोनल चौहान भी मौजूद रहीं. चांसलर आशीष चौहान की पत्नी टाटा मेमोरियल में रेडियोलॉजिस्ट हैं. इस मौके पर कुलाधिपति ने उपाधियां प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को दीक्षा प्रदान की. मंच पर चांसलर वाइस चांसलर और केंद्रीय मंत्री के साथ ही साइंस डीन प्रो शेखर श्रीवास्तव और रजिस्ट्रार प्रो एन के शुक्ला भी मौजूद रहे.
कोरोना काल में आयोजित दीक्षांत समारोह में मेडल और उपाधियां पाकर छात्र-छात्राओं के भी चेहरे खिल उठे. तमाम छात्र- छात्राओं ने जहां इसे अपने जीवन का अविस्मरणीय पल बताया. वहीं, छात्र छात्राओं ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के हाथों से मेडल और उपाधि हासिल करने को भी अपने लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया है. मेडल और उपाधियां हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं ने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के गुरुजनों का भी आभार जताया है कि उनके कुशल मार्गदर्शन में उन्हें यह मुकाम हासिल हुआ है.
ये भी पढ़ें :-
UP Election 2022: नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर क्यों लिए हुए हैं मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक?