Gonda Today News: गोंडा में इटियाथोक विशुनपुर संगम के मजरा मधईजोत में संक्रमण और डायरिया फैलने से एक परिवार की दो सगी बहन और एक अन्य बच्चे की मौत से गांव में हड़कंप मच गया. संक्रमण से पीड़ित तीन दिनों के भीतर गांव के तीन बच्चो की मौत से गांव के लोगों में दहशत व्याप्त है. मरने वाले में 25 दिन की एक नवजात शिशु भी है. इटियाथोक के मजरा विशुनपुर संगम के मजरा मधईजोत में डायरिया से ग्रसित बच्चों की मौत की सूचना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गांव में कैंप लगा कर इलाज कर रहे हैं और गांव में छिड़काव और दवा वितरण किया जा रहा है.
डायरिया से एक नवजात शिशु 25 दिन की लड़की और उसकी बड़ी बहन पल्लवी तिवारी पुत्री मनीष तिवारी उम्र 8 वर्ष, तीसरा गुल्लू तिवारी पुत्र प्रिंस तिवारी 2 वर्ष की मौत की सूचना मिली है. गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम कैंप कर रही है, जो बच्चे डायरिया से ग्रसित हैं. इलाज के लिए उनको सीएचसी इटियाथोक भेजा जा रहा है. सीएचसी इटियाथोक में अमन, सुनीता, दीप शिखा, आदर्श, मुस्कान और अनीता का इलाज चल रहा है.
गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
गांव में सफाईकर्मी ने पहुंचकर साफ सफाई शुरू कर दी है. विभाग की तरफ से एंटी लारवा का छिड़काव कराया जा रहा है, स्थिति अब सामान्य है. मौके पर जिले की स्वाथ्य विभाग की टीम पहुंचकर गांव के लोगों से जानकारी ले रही है. मौके पर 7 विभाग की टीम कैंप कर रही है और गांव वालों को संक्रमण से बचने के लिए दवा वितरण किया गया है. गांव में एंटी लारवा का भी स्प्रे किया गय है.
6 लोगों को स्थानीय सीएचसी में कराया गया भर्ती
गोंडा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा ने बताया कि कल देर शाम सूचना मिली कि मधईजोत गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की 3 दिन के भीतर मौत हो गई है. 7,8,9 सितंबर 3 दिन के अंदर एक- एक करके कुल बच्चों की मौत हुई है. मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भेजा गया तो और लोगों की तबीयत खराब मिली. 6 लोगों को स्थानीय सीएचसी पर ले जाकर के भर्ती कराया गया, जहां इलाज चल रहा है. सभी की हालत सामान्य है.
वाटर बोर्न इंफेक्शन को भी हो सकता है खतरा
कुछ सूत्रों से पता चला है कि उनके यहां जन्मदिन का कार्यक्रम था, हो सकता है कि खाना खाने के दौरान कोई इंफेक्शन हुआ हो. घर से पास में एक तालाब भी है और एक हैंडपंप भी है तो वाटर बोर्न इंफेक्शन भी हो सकता है. दोनों चीजों को ध्यान में रखते हुए सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सभी लोगों को दवाइयां उपलब्ध कराई गई है. सभी गांव में भी एक-एक लोगों को दवाई उपलब्ध कराई गई है ताकि किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो.
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