नई दिल्ली: पहाड़ों में इस वक्त बर्फ़बारी से तामपान काफी नीचे जा रहा है लेकिन पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में कांग्रेस के भीतर ही काफी सरगर्मियां देखी जा रही हैं. सूबे के पूर्व सीएम हरीश रावत चाहते हैं विधानसभा चुनाव से पहले सीएम पद का उम्मीदवार या चहेरा घोषित कर दिया जाए लेकिन उनकी ही पार्टी अभी ऐसा करने से मना कर रही है. जिसे लेकर अब कांग्रेस में आपसी खींचतान भी खूब देखने को मिल रही है.


चुनाव के लिए चेहरा हो घोषित


उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत चाहते हैं कि, 2022 के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी अभी से सीएम पद का उम्मीदवार या चुनाव का चेहरा घोषित करे. हालांकि उनकी इस मांग को खुद कांग्रेस के राज्य प्रभारी देवेंद्र यादव ने नकार दिया है. देवेंद्र यादव ने कहा हर एक कार्यकर्ता चेहरा है कांग्रेस का और सभी मिल के चुनाव लड़ेंगे. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी अभी चेहरा घोषित करने के पक्ष में नही हैं.


कोई भी हो चेहरा, सबको स्वीकार होगा


सूबे के पूर्व सीएम और कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने कहा, पार्टी किसी को भी चेहरा बनाये वो उसके साथ मजबूती से खड़े रहेंगे. साथ ही ये भी कहा अगर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह या नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को भी उम्मीदवार बनाती है तो भी वो उनके साथ खड़े रहेंगे. लेकिन अब चेहरा घोषित होना चाहिए, जिससे कि कांग्रेस मजबूती के साथ विधानसभा चुनाव में लड़ाई लड़ सके.


2019 के लोकसभा नतीजों को देखे प्रदेश अध्यक्ष


उत्तराखंड से कांग्रेस के एकमात्र राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा जो लोग कहते हैं हरीश रावत के नेतृत्व में 2017 में कांग्रेस का बुरा प्रदर्शन रहा है वो पहले 2019 के लोकसभा चुनावों का नतीजा देखें, जहां पार्टी पांच में से एक भी सीट नहीं जीत सकी.


हरीश रावत हो उम्मीदवार
राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि, अगर कांग्रेस हरीश रावत को सीएम का चेहरा नहीं बनाती है तो उसे भारी नुकसान होगा. हरीश रावत पूरे प्रदेश में सक्रिय होने के साथ सभी वर्गों में लोकप्रिय है.


त्रिवेंद्र सिंह रावत होंगे बीजेपी का चेहरा


वहीं, दूसरी ओर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि, बीजेपी का चेहरा त्रिवेंद्र सिंह रावत ही होंगे, उन्हीं के चेहरे पर हम 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा कि कांग्रेस बची कहां है, कोई भी उम्मीदवार बन जाये, नतीजे हमारे पक्ष में ही आने वाले हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करे तो कांग्रेस को राज्य की 70 विधनसभा सीटों में से मात्र 11 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. उस वक्त पार्टी का चेहरा हरीश रावत ही थे जो तत्कालीन मुख्यमंत्री भी थे.


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