Kisan Mahapanchayat: भारत सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिल का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है. जहां एक और भाजपा को समर्थन करने वाले किसानों और किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े किसानों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, तो वहीं अब किसान आंदोलन की यह लड़ाई खाप पंचायतों में भी पहुंच गई है. पिछले दिनों 17 अगस्त को भारतीय किसान यूनियन की राजधानी कहे जाने वाले कस्बा सिसौली में भारतीय किसान यूनियन के विरोधी संगठन जन कल्याण समिति की पंचायत शामिल होने पहुंचे बुढाना से भाजपा विधायक उमेश मलिक की गाड़ी पर किसानों द्वारा स्याही फेंकने व पथराव करने के मामले में गठवाला खाप दो हिस्सों में बंटती नजर आ रही है.


भाजपा के समर्थन में राजेंद्र सिंह


जिसमें एक हिस्सा गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक जोकि सीधे-सीधे भाजपा का समर्थन करते नजर आ रहे हैं और भाजपा विधायक उमेश मलिक पर बालियान खाप के गांव सिसौली में हुई अभद्रता को लेकर 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत का बहिष्कार करते नजर आ रहे हैं. 17 अगस्त को गठवाला खाप के गांव खरड़ में हुई एक पंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत द्वारा भाजपा विधायक उमेश मलिक को लेकर की गई टिप्पणी पर  माफी मांगने की बात कही गई थी तो वहीं, 22 अगस्त को गठवाला खाप के ही गांव खरड़ में दोबारा हुई पंचायत में किसान महापंचायत को समर्थन देते हुए गठवाला खाप से भारी संख्या में 5 सितंबर की महापंचायत में मुजफ्फरनगर पहुंचने का आह्वान किया गया. पंचायत में बावड़ी खाप के थाम्बेदार चौधरी श्याम सिंह सहित गठवाला खाप के कई थाम्बो के मुखिया सहित भारी संख्या में लोग पहुंचे जिसमें सर्वसम्मति से किसान आंदोलन को किसानों की लड़ाई करार देते हुए उसका समर्थन करने की बात कही गई और गठवाला खाप से भारी संख्या में लोगों के पहुंचने का भी आह्वान किया गया.


किसान आंदोलन का समर्थन नहीं


वहीं. दूसरी ओर जनपद शामली के लिसाड़ गांव में गठवाला खाप के चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक के आवास पर भी एक पंचायत बुलाई गई. उसमें गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि, वे लोग समाज को तोड़ना चाहते हैं और हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने फिर किसान आंदोलन का समर्थन ना करने की बात दोहराई. अब देखना होगा कि गठवाला खाप की अलग-अलग पंचायतों में गठवाला खाप के मुखिया के समर्थन में कम तो विरोध में हुई पंचायत में ज्यादा लोग पहुंचते हैं. वहीं, दबी जुबान में कई लोग इसे गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह का भाजपा प्रेम करार देते हैं. ऐसे में देखना होगा कि, गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र सिंह को बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत का विरोध करना कहीं ना कहीं राजनीति से प्रेरित तो नहीं है. अगर ऐसा है तो मुजफ्फरनगर में किसानों के समर्थन में ज्यादा किसान मगर भाजपा विधायक उमेश मलिक पर हुए हमले को लेकर गठवाला खाप में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिसे भारतीय जनता पार्टी किसान महापंचायत के खिलाफ भुनाने का पुरजोर प्रयास करेगी.


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