शाहजहांपुर. यूपी के शाहजहांपुर की जिला जेल में आसाराम के लिए सत्संग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. दुष्कर्म के मामले में जेल में सजा काट रहे आसाराम के लिए सत्संग के आयोजन को लेकर जेल अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं.
दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने मीडिया की खबरों के आधार पर आरोप लगाए हैं कि आसाराम के 2 अनुयायिओं ने मंगलवार को लखनऊ से शाहजहांपुर जेल में आकर कंबल बांटे और एक प्रार्थना सभा की. इस सभा में आसाराम की तस्वीर भी लगाई गई थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि जेल में आयोजित इस प्रार्थना सभा के जरिए आसाराम को 'महिमामंडित' किया गया. उन्होंने जांच की मांग करते हुए कहा, "आसाराम के अनुयायी दुष्कर्म के दोषी की छवि को बेहतर करने के लिए ऐसे काम कर रहे हैं."
डीआईजी करेंगे मामले की जांच
इस मामले में उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (जेल) शरद कुलश्रेष्ठ ने जांच का आदेश दिया है. बरेली जोन के उप महानिरीक्षक मामले की जांच करेंगे. शाहजहांपुर के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर दिया गया है और जबाव मिलने के बाद कार्रवाई भी करेंगे.
दुष्कर्म के मामले में जेल में है आसाराम
बात दें कि आसाराम को अप्रैल 2018 में शाहजहांपुर की एक लड़की के साथ 2013 में जोधपुर के निकट आश्रम में दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था. इसके बाद अगस्त 2013 से वह जेल में है. इस मामले में शाहजहांपुर जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने जेल में 75 कंबल बांटे जाने की पुष्टि कर चुके हैं. यह कंबल दुष्कर्म मामले में कथित रूप से गवाह की हत्या के आरोपी अर्जुन और नारायण पांडे ने बांटे, जो शाहजहांपुर जेल में बंद रह चुके हैं.
जेल अधीक्षक ने कहा कि पांडे जेल में बीमार हो गया था. बाद में जेल अस्पताल में हुए इलाज से वह ठीक हुआ और फिर जमानत पर रिहा हो गया. तब उसने जेल में कंबल बांटने का संकल्प लिया था. उसके भेजे कंबल जेल में बांटे गए, लेकिन जेल के अंदर सत्संग और महिमामंडन के आरोप निराधार हैं.
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