Facial Recognition Technology on Varanasi Airport: नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी के सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारतीय एयरपोर्ट अथॉरिटी (एएआई) वाराणसी, पुणे, कोलकाता और विजयवाड़ा हवाई अड्डों पर यात्रियों के विमान में चढ़ने से पहले चेहरे से पहचान करने वाली तकनीक पर आधारित देश की पहली बायोमेट्रिक प्रणाली पर काम कर रहा है.


वी के सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘बायोमेट्रिक बोर्डिंग प्रणाली, ‘डिजि यात्रा’ योजना के क्रियान्वयन के पहले चरण का हिस्सा है.’’ सरकार के अनुसार डिजि यात्रा पहल में कागज रहित और निर्बाध हवाई यात्रा को बढ़ावा देने का प्रयास है. यह हवाई अड्डे पर यात्रियों के प्रवेश तथा संबंधित आवश्यकताओं के लिए बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल प्रक्रिया प्रणाली है.


नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित डिजि यात्रा केंद्रीकृत प्रणाली को मार्च 2022 में शुरू करने की योजना है. देश के अनेक हवाई अड्डों पर इस प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से अपनाया जाएगा. सांसद वरुण गांधी व राम शंकर कठेरिया के सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने बताया कि यात्री डाटा की सुरक्षा के लिए डिजी यात्रा  सेंट्रल इकोसिस्टम के लिए पंजीकरण करना यात्रियों के लिए वैकल्पिक होगा.


वर्ष 2018 में सरकार द्वारा देश के चार एयरपोर्ट पर डीजी यात्रा प्रारंभ करने को लेकर घोषणा की गई थी. यह सुविधा लागू हो जाने से जांच के समय लंबी कतार नहीं लगेगी और यात्रियों के समय की बचत होगी. आपको बता दें कि पहली बार डीजी यात्रा के माध्यम से यात्रा करने वाले यात्री को पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी आदि को स्कैन कर रजिस्ट्रेशन करना होगा. इसके बाद कभी भी डीजी यात्रा सुविधा से जुड़े एयरपोर्ट से गुजरते समय यात्री इसका लाभ उठा सकेंगे.


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