लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का आज जन्मदिन है. डिंपल और अखिलेश के बीच का प्यार देखते ही बनता है. इस खास मौके पर दोनों की लव स्टोरी का जिक्र तो बनता ही है. तो चलिए आपको डिंपल और अखिलेश यादव की लव लाइफ से जुड़ी बेहद खास बातें बताते हें.


पहली मुलाकात में ही दोस्ती हो गई
अखिलेश जब पहली बार डिंपल से मिले तब वो 17 साल की थीं और अखिलेश 21 साल के थे. अखिलेश उस वक्त इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे और डिंपल स्कूल में थीं. एक दोस्त के यहां अखिलेश और डिंपल की पहली मुलाकात में ही दोस्ती हो गई थी. कुछ ही दिनों में ये दोस्ती प्यार में बदल गई. पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद भी अखिलेश डिंपल के संपर्क में बने रहे और वहां से उन्हें कार्ड और लव-लेटर भेजते रहते थे.


अखिलेश ने ली दादी की मदद
24 नवंबर 1999 को अखिलेश यादव ने डिंपल से लव मैरिज की थी. इस शादी के लिए दोनों को अपने-अपने घरवालों को मनाने के लिए खूब पापड़ भी बेलने पड़े थे. दरअसल, अखिलेश जब ऑस्ट्रेलिया से वापस आए तो घरवालों की तरफ से शादी का दबाव बनाया जाने लगा. अखिलेश के सामने समस्या थी कि घर में डिंपल के बारे में कैसे बताएं. ऐसे में अखिलेश ने अपनी दादी की मदद लेते हुए परिवार को डिंपल के बारे में बताया. अखिलेश यादव की डिंपल से शादी की मांग को मानना मुलायम के लिए आसान नहीं था, क्योंकि उस वक्त एक तो जातिवादी राजनीति चरम पर थी और डिंपल राजपूत थीं.



मुलायाम के सामने थीं सियासी समस्याएं
दूसरी बड़ी समस्या मुलायम सिंह के सामने ये थी वो उस वक्त उत्तराखंड राज्य की अलग मांग हो रही थी और ऐसी स्थिति में वहीं की एक लड़की से अखिलेश की शादी करवाना काफी मुश्किल लग रहा था. उस वक्त का एक किस्सा और है. कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव लालू की बेटी से अखिलेश की शादी की बात कर रहे थे और ऐसे में फिर लालू को ना कहना भी मुश्किल था.


तैयार नहीं था डिंपल का परिवार
डिंपल के अर्मी में कर्नल थे. उनका परिवार भी इस शादी के लिए तैयार नहीं था. आखिरकार अखिलेश और डिंपल के प्यार को दोनों परिवारों ने समझा फिर उनकी शादी हुई. कहना गलत नहीं होगा कि तमाम रुकावटों के बाद भी आखिरकार डिंपल और अखिलेश एक हो गए. अखिलेश तीन बच्चों के पिता हैं. राजनीतिक व्यस्तताओं के बाद भी वो परिवार और बच्चों को पूरा वक्त देते हैं.


हर कदम पर अखिलेश का साथ देती हैं डिंपल
आज जब अखिलेश सूबे की सियासत देखते हैं तब डिंपल हर कदम पर उनका साथ देती हैं. डिंपल लगातार कोशिश करती है कि अखिलेश यादव इमेज अच्छी हो. वो हर चीज को सोच-समझकर बड़े ही प्लानिंग के साथ करती हैं. दिसंबर 2016 में जब लखनऊ में मेट्रो का उद्घाटन हुआ तो उस दिन 2 महिला ड्राइवरों को भी बुलाया गया था. डिंपल यादव ने दोनों को मेट्रो की चाभी सौंपी थी.



किसी से खराब नहीं किया रिश्ता
समाजवादी पार्टी में आंतरिक कलह की वजह से अखिलेश और मुलायम समेत पूरे परिवार की किरकिरी हो चुकी है. चाचा शिवपाल अलग पार्टी बना चुके हैं. इन तमाम परिस्थितियों में भी डिंपल ने किसी के साथ रिश्ता खराब नहीं किया. वो लगातार परिवार को एकजुट करने की कोशिशों में लगी रहीं. इससे उनकी छवी सकारात्मक पारिवारिक सदस्य की बनी.


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