(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Politics: आजमगढ़ महोत्सव में निरहुआ को क्यों नहीं मिला निमंत्रण? कहा- 'डर के कारण'
UP Newsआजमगढ़ में पूर्व भाजपा सांसद निरहुआ ने महोत्सव में भाग लिया. उन्होंने कहा कि आजमगढ़ के विकास से खुश हैं. अखिलेश यादव के मठाधीश वाले बयान पर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
Azamgarh News: आजमगढ़ पहुंचे भोजपुरी फिल्म स्टार व बीजेपी के पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने हरिऔध कला केंद्र पहुंचकर कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. आजमगढ़ महोत्सव को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने तंज कसा था कि उनको या अन्य कोई भी समाजवादी पार्टी के जनप्रतिनिधियों को डर के कारण निमंत्रण नहीं दिया गया था. वही इस मामले में आजमगढ़ के पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा कि उनको भी कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला था. लेकिन आजमगढ़ की बात है.
आजमगढ़ में अच्छा कार्य हो रहा है तो वह उसमें शामिल होने से नहीं हिचकेंगे. उन्होंने कहा कि इसके पूर्व जो डीएम थे, उन्होंने पहले जानकारी दी थी कि ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं. लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से उनको निमंत्रण नहीं मिल पाया था. वह भी जौनपुर में अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे. कल ही शूटिंग खत्म हुई है. इसलिए वह आज यहां आ गए हैं. उन्होंने कहा कि आजमगढ़ में बहुत अच्छा कार्य हो रहा है. हर साल यहां कार्य हो रहा है. इसका वह स्वागत करते हैं.
विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे निरहुआ
रेलवे लाइन को लेकर धर्मेंद्र यादव के उनपर झूठी बयानबाजी के आरोप पर भोजपुरी स्टार ने कहा कि यह सच नहीं है. रेलवे लाइन को लेकर जैसे ही बजट आएगा, सभी को जानकारी हो जाएगी. धर्मेंद्र यादव जी ने संसद में यह सवाल पूछा था जिसका रेल मंत्री ने जवाब भी दिया था. इसलिए यह कार्य होना है. वहीं चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का चुनाव था पार्टी का आदेश था. इसलिए उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन उनके पास इतना समय नहीं है कि वह विधानसभा का चुनाव लड़े.
उन्होंने यह भी कहा कि वो फिल्म की शूटिंग में ही व्यस्त रहते हैं. प्रत्येक महीने एक फिल्म आ रही है. इसलिए वह विधानसभा के चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इसके अलावा निरहुआ ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच मठाधीश व माफिया को लेकर चल रहे बयान बाजी पर कहा कि सबका अपना-अपना नजरिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की छवि को सुधारा है, जबकि अखिलेश यादव मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. इसलिए वह हिंदू और सनातन का विरोध करते हैं.
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