जौनपुर के दिनेश पटेल ने बनाया अर्द्ध मानव रोबोट, 9 भारतीय, 38 विदेशी भाषाओं में कर सकता है संवाद
दिनेश पटेल आईआईटी मुंबई में शिक्षक हैं. उन्होंने फिल्म रोबोट देखी और इसे बनाने का आइडिया आया.
जौनपुर: जौनपुर की मड़ियाहू तहसील के राजमलपुर गांव के रहने वाले देवराज पटेल के बेटे दिनेश पटेल ने पूरे गांव का नाम रौशन किया है. दिनेश ने ऐसे रोबोट का निर्माण किया है जो 9 भारतीय और 38 विदेशी भाषा में बात कर सकता है. इस निर्माण से पूरा गांव फक्र कर रहा है.
दिनेश पटेल आईआईटी मुंबई में शिक्षक हैं. दिनेश अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय रजमलपुर से पूरी करने के बाद नैनी चले गए. नैनी में दिनेश के पिता देवराज पटेल आईटीआई में कार्यरत थे. दिनेश ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. 2007 में केंद्रीय विद्यालय एनएडी कारंजा ज्वाइन किया. इसके बाद 2014 में आईआईटी पवई मुंबई के लिए ट्रांसफर हुआ. यहीं पर कार्यरत रहते हुए रजनीकांत की फ़िल्म रोबोट देखने के बाद दिनेश के मन में विचार आया कि ऐसा एक रोबोट बनाया जाए जो इंसानों की तरह बात करते हुए कार्यों को कर सके.
फिल्म देखने के बाद आइडिया
दिनेश ने रोबोट का निर्माण करने के लिए जरूरी सामान की लिस्ट बनाई और आस-पास की दुकानों से लोहा और जरूरी सामान इकट्ठा करना शुरू किया. दिनेश के पास लॉक डाउन में समय भी था और आईआईटी मुंबई के कैंपस में रहते हुए उन्होंने इस रोबोट का निर्माण किया. दिनेश ने इसे महिला के रूप में निर्माण किया है, इसलिए इसका नाम शालू रखा है. शालू का आधा शरीर ही निर्मित किया गया है, इसलिए इसे अर्द्ध मानवीय रोबोट कहा जा रहा है. दिनेश बताते हैं कि रोबोट "शालू" कृत्रिम बुद्धि वाली विश्व की पहली बहुभाषी मानवीय रोबोट है, जो 9 भारतीय व 38 विदेशी भाषाएं बोलने में सक्षम है. ये आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बनाई गई सम्पूर्ण स्वदेशी भारतीय रोबोट है, जो भारत की बेटियों को समर्पित है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान में एक भागीदारी है.
दिनेश का कहना है कि शालू एक प्रेरणा है. क्योंकि भारत में अनेकों रोबोटिक्स प्रतिभाएं प्रोत्साहन व सुविधा के आभाव में धरी रह जाती हैं. ये रोबोट उन प्रतिभावान वैज्ञानिकों के लिए एक प्रेरणा श्रोत बन सकती है कि ऐसे अडवांस रोबोट भारत में घर पर भी बनाए जा सकते हैं.
रोबोट की क्षमताएं
1. चेहरे पहचानना, लोगों और वस्तुओं को पहचानना और उन्हें गिनना.
2. हाथ मिलाना, खुशी, क्रोध, जलन, हंसी-मजाक जैसी सरल भावनाओं को दर्शाना.
3. 9 भारतीय और 38 विदेशी भाषाओं में संवाद करना, जिनमें अंग्रेजी, हिंदी, भोजपुरी, मराठी, बंगला, गुजराती, तमिल, तेलगु, मलयालम व नेपाली आदि शामिल हैं.
4. ए.आई. (Artificial Intelligence) का उपयोग करके किसी भी सन्दर्भ अथवा पूर्वनिर्धारित स्क्रिप्टेड सामाजिक मुद्दों पर आधारित सामान्य बातचीत करना.
5. देश में महत्वपूर्ण जगहों के बारे में, देश की राजधानियों, राज्यों की राजधानियों और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों के नाम (जैसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री), सार्वजनिक अवकाश, किसी भी देश की जनसंख्या, क्षेत्रफल, बार्डर देश, समय, आजादी व लोकतंत्र की तारीख, राष्ट्रगान तथा उनके लेखक आदि के बारे में सामान्य ज्ञान के प्रश्नों के उत्तर दें सकने की क्षमता.
6. सरल गणितीय समीकरणों को हल करनें, रसायन विज्ञान में तत्वों (Periodic Table) के बारे में बताना, और निर्दिष्ट क्षेत्रों पर एक संक्षिप्त प्रश्नोत्तरी आयोजित करना, मजाक करना, जोक सुनना.
7. एक निजी सहायक के रूप में कार्य करना, ईमेल का उत्तर देना, SMS करना, तारीख व जगह के अनुसार मौसम की जानकारी देना, सूर्योदय-सूर्यास्त का समाय बताना, दैनिक महत्वपूर्ण समाचार बताना, व्यक्ति के जन्म के अनुसार उसकी दैनिक कुंडली बताना, व्यंजनों, पुस्तकों के लेखक का नाम, फिल्मों, फोन मॉडल आदि के बारे में जानकारी देना और भी बहुत कुछ.
क्या है भविष्य की योजना
1. बेहतर गुणवत्ता वाले मोटर्स के साथ विभिन्न शरीर के अंगों के सुचारू आवागमन के लिए 3D प्रिंट बॉडी पार्ट्स.
2. रोबोट की सामान्य सामाजिक बातचीत कौशल और पूरी तरह से कई भाषाओं में शैक्षिक प्रश्नों का उत्तर देने की क्षमता में सुधार करना.
3. चेहरे की अभिव्यक्ति के साथ अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए वास्तविक लेटेक्स मानव चेहरे का मुखौटे का उपयोग करना.
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