हरिद्वार, एबीपी गंगा। उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण जिला हरिद्वार को नया जिला अधिकारी मिल गया है। जिला अधिकारी पद पर दीपेंद्र चौधरी ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। हरिद्वार के पूर्व जिलाधिकारी दीपक रावत के मेला अधिकारी बनने के बाद दीपेंद्र चौधरी को हरिद्वार की जिम्मेदारी मिली है। दीपेंद्र चौधरी को भी मालूम है कि हरिद्वार जिला अधिकारी की जिम्मेदारी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हरिद्वार विश्व प्रसिद्ध नगरी है और यहां पर करोड़ों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं। साथ ही हरिद्वार उत्तराखंड की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण जिला माना जाता है। यहीं से उत्तराखंड को सबसे ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होती है। साथ ही, कई ऐसी समस्याएं भी हरिद्वार में हैं, जो लगातार स्थानीय लोगों और यहां आने वाले यात्रियों के लिए परेशानी का सबक बनती है। इन सब चुनौतियों को देखते हुए नए जिलाधिकारी इन सभी समस्याओं को दूर करने की बात कर रहे हैं और पहले ही दिन जिलाधिकारी ने तमाम अधिकारियों के साथ बैठक कर इन समस्याओं को दूर करने का अधिकारियों को आदेश दिया।


गिनाईं अपनी प्राथमिकताएं


जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी का कहना है कि हरिद्वार एक धार्मिक नगरी है, इस वजह से काफी संख्या में यहां श्रद्धालु आते हैं। कई बड़े स्नान भी आयोजित होते हैं और अब 2021 में महाकुंभ का आयोजन भी होना है। इसको देखते हुए यहां की ट्रैफिक व्यवस्था और लॉ एंड ऑर्डर को दुरुस्त करना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। साथ ही, जिले में जितने भी अधिकारी हैं, सभी के सहयोग से मैं यहां पर जितने भी विकास कार्य चल रहे हैं और जनता की जितनी भी समस्या हैं, उनको पूरा कर सकूं।


अवैध खनन के मसले पर कहा 


अवैध खनन के मु्द्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हरिद्वार में अवैध खनन को रोकना हमेशा ही प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। अभी दो दिन पूर्व ही खनन माफियाओं ने तहसीलदार की गाड़ी को जबर्दस्त टक्कर मारी थी। जिसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने कहा कि जिले में जो अवैध खनन होता है, उस पर प्रशासन अपनी नजर बनाकर रखेगा कि किसी भी प्रकार का अवैध खनन ना हो सके। अवैध खनन की लगातार शिकायतें आती रहती है, हम कोशिश करेंगे कि पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर जिले में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगा सकें। अगर कोई अवैध खनन करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


कांवड़ मेले पर बोले 


जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी की सबसे बड़ी परीक्षा आने वाला कावड़ मेला ही होगा, क्योंकि कावड़ मेला हमेशा ही चुनौतीपूर्ण रहा है और इस मेले को सफल कराने के लिए प्रशासन के पसीने छूट जाते हैं। कांवड़ मेले को सफल बनाने के लिए जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी का कहना है कि कांवड़ मेले को लेकर एसएसपी के साथ बैठक की जाएगी। मेले को लेकर पुरानी व्यवस्था को देखते हुए जो भी पिछली कावड़ यात्रा में समस्या उत्पन्न हुई हैं, उसको दुरुस्त किया जाएगा। जिससे कावड़ मेला सकुशल संपन्न कराया जा सके।


धर्मनगरी के जिलाधिकारी का पद संभालने के साथ ही अब जिलाधिकारी भक्ति में भी नजर आ रहे हैं। उन्होंने साफ कहा है कि हरिद्वार धर्मनगरी है, मुझे यहां सेवा करने का मौका मिला है, क्योंकि यह गंगा की नगरी है इसलिए पहले मैं अधिकारी के रूप में यहां काम करूंगा और साथ ही इसमें भक्ति भाव को भी जोडूंगा। अब देखना यह होगा कि जिला अधिकारी दीपेंद्र चौधरी हरिद्वार की समस्या को कितनी जल्दी सुलझा पाते हैं, क्योंकि हरिद्वार में समस्याओं का अंबार है।