UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक ब्रह्मदेव की कार्य प्रणाली पर तीखी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ब्रह्मदेव उच्च शिक्षा निदेशक पद पर बने रहने योग्य नहीं हैं. अजय कुमार मुद्गल की अवमानना याचिका पर जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान अदालत ने उच्च शिक्षा निदेशक ब्रह्मदेव की कार्यशैली पर नाराजगी जताई. बता दें कि याची अजय कुमार मुद्गल की पत्नी मेरठ में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थीं.
उच्च शिक्षा निदेशक पद पर रहने योग्य नहीं
सेवा काल में पत्नी की मौत होने पर याची ने पारिवारिक पेंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान करने के लिए आवेदन दिया था. याची के आवेदन को ये कहकर खारिज कर दिया गया कि कर्मचारी ने जीवन काल में ग्रेच्युटी के विकल्प का चयन नहीं किया था. उन्होंने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशालय को प्रकरण पर दो माह में फैसला लेने का निर्देश दिया. आदेश का पालन नहीं करने पर अजय कुमार मुद्गल ने अवमानना याचिका दायर की.
इस मामले में हाईकोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
अवमानना मामले में हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक को तलब कर लिया. अदालत में पेश हुए उच्च शिक्षा निदेशक ब्रह्मदेव ने दलील दी कि व्यस्तता के कारण याची की फाइल को आगे नहीं बढ़ा सके. अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने उच्च शिक्षा निदेशक के महीनों फाइल दबाये रखने की प्रवृत्ति को ठीक नहीं माना. नाराज हाईकोर्ट ने कहा कि अवमानना की सुनवाई की तारीख निकट आने पर भुगतान के लिए राज्य सरकार को अनुरोध किया. अदालत ने विशेष सचिव उच्च शिक्षा को दो सप्ताह में प्रकरण पर फैसला लेने का आदेश दिया. अगली सुनवाई में निदेशक उच्च शिक्षा को हाजिर होने को कहा गया है. आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना का आरोप तय किया जायेगा.