देहरादून. आपदा के लिहाज से बेदह संवेदनशील उत्तराखंड में आपदा का शोध संस्थान खोला जायेगा. इसके अलावा दो एयर एंबुलेंस भी आपदा के दौरान तैनात रहेंगी. साथ ही कई महत्वपूर्ण कामों को किये जाने के लिए एक रूपरेखा तैयार की जा रही है. जिससे एक तो भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं को रोका जा सके साथ ही आपदा आने पर बेहतर काम और रेस्क्यू किया जा सके.
केदारनाथ के बाद चमोली में आई आपदा के बाद राज्य सरकार आपदा पर काम करने के लिए कई पहलुओं पर विचार कर रही है. इसको लेकर अभी तक चार समीक्षा बैठकें भी हुई हैं. बैठक के बाद उत्तराखंड में आपदा शोध संस्थान के खोलने का फैसला किया गया. आपदा में रेस्क्यू के लिए दो एयर एंबुलेंस भेजने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है.
एक लाख लोगों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
बता दें कि यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों में आपदा का अलग से विषय होगा. एक लाख लोगों को प्रदेश में आपदा को लेकर प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके अलावा राज मिस्त्रियों को भी दिया आपदा का प्रशिक्षण जायेगा. सरकार संवेदनशील इलाकों में सरकार आपदा किट देने की भी बात कर रही है.
आपदा प्रबंधन को लेकर राज्य मंत्री आपदा एवं पुर्नवास धन सिंह रावत का दावा है की एक महीने के भीतर राज्य में आपदा प्रबंधन विभाग के कामों में तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि चमोली में आई आपदा के पीछे के कारणों और भविष्य में इसके लिए पहले से ही क्या काम किये जा सकते हैं. इन सभी को लेकर एक्सपर्ट की टीमें रिसर्च करेंगी.
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